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उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने विवाह के लिए अवैध धर्मांतरण रोधी कानून के प्रस्ताव को दी मंजूरी, हो सकती है 10 साल की जेल
योगी आदित्यनाथ ने एक चुनाव रैली के दौरान इस तरह के कानून को लेकर वादा किया था.
love jihad law in UP: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) सरकार ने विवाह के लिए अवैध धर्मांतरण रोधी कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शादी के लिए धोखाधड़ी कर धर्मांतरण किए जाने की घटनाओं पर रोक लगाने संबंधी कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इससे पहले 20 नवंबर को उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने कानून विभाग को ‘लव जेहाद’ के खिलाफ सख्त कानून लाने का प्रस्ताव भेजा था.
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राज्य के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि अवैध धर्मांतरण रोधी कानून में धर्म परिवर्तन कराने पर 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि SC / ST समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण के लिए, 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल होगी.
उन्होंने कहा, “जबरन सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में, अध्यादेश में 50,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है. यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य धर्म में धर्मांतरण होने के बाद शादी करना चाहता है, तो उन्हें शादी से 2 महीने पहले डीएम से अनुमति लेनी होगी.”
सख्त कानून की आवश्यकता पर जोर देते हुए कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा था, “राज्य में ऐसे मामलों में वृद्धि हुई है, जो सामाजिक शर्मिंदगी और दुश्मनी का कारण बने हैं. इन मामलों से माहौल खराब हो रहा है इसलिए एक सख्त कानून समय की जरूरत है.”
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक चुनाव रैली के दौरान इस तरह के कानून को लेकर वादा किया था. पिछले महीने जौनपुर और देवरिया में हुए उपचुनावों के लिए रैलियों को संबोधित करते हुए, योगी ने कहा था कि उनकी सरकार ‘लव जिहाद’ से निपटने के लिए एक कानून लेकर आएगी.
पिछले महीने जौनपुर और देवरिया में उपचुनाव प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उनकी सरकार ‘लव जेहाद’ से निपटने के लिए एक कानून लेकर आएगी. उन्होंने कहा था कि अगर महिलाओं और बेटियों के साथ अत्याचार करने वाले नहीं सुधरे तो उनका ‘राम नाम सत्य है’ होना तय है. पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने सरकार को एक रिपोर्ट पेश की थी जिसमें जबरन धर्मांतरण के खिलाफ नया कानून बनाने की सिफारिश की गई थी.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अभी हाल में फैसला दिया था कि सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. मुख्यमंत्री योगी ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि था, ‘‘जो लोग नाम छिपाकर बहू बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ करते हैं, अगर वे नहीं सुधरे तो राम नाम सत्य की उनकी अंतिम यात्रा निकलने वाली है.’’ उन्होंने कहा था कि लव जिहाद में शामिल लोगों के पोस्टर चौराहों पर लगाए जाएंगे.
(इनपुट एजेंसी)
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