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UP News: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी की जा रही है. इससे एक ही कॉल पर एंबुलेंस मरीज के घर पहुंचेगी और हास्पिटल तुंरत एंट्री मिलेगी और इलाज शुरू किया जाएगा. इस बाबत सैद्धांतिक रूप से मुख्य सचिव ने सहमति दी है. प्रदेश सरकार जल्द ही लाइव इमरजेंसी मानिटरिंग सिस्टम लागू करने जा रही है. इसका जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुतिकरण होगा . इसके साथ ही कोविड कमांड सेंटर की तर्ज पर इंटीग्रेटेड ट्रामा और इमरजेंसी सेंटर की स्थापना होगी. एंबुलेंस और ट्रेंड टेक्निकल स्टाफ में बढ़ोत्तरी की जाएगी. औसतन हर वर्ष तीन लाख मरीजों का इलाज किया जाएगा. रोजाना 40 हजार कॉल अटेंड करने की क्षमता होगी. अब एक कॉल पर एंबुलेंस आएगी और हास्पिटल में तुरंत इलाज शुरू होगा. योजना को धरातल पर उतारने के लिए दिसंबर 2023 तक मिड-टर्म और दिसंबर 2026 तक लॉन्ग-टर्म रणनीति बनाई गई है. मिड-टर्म पॉलिसी के तहत अगले दो वर्षों में कॉल सेंटर और मोबाइल ऐप तैयार होगा. इसके साथ ही चार लेवल वन, चार लेवल दो और चार लेवल तीन के इमरजेंसी चिकित्सा केंद्रों को क्रियाशील किया जाएगा.लॉन्ग-टर्म पॉलिसी के तहत करीब चार हजार एंबुलेंस क्रियाशील की जाएंगीं.
पूरी योजना को लागू करने के लिए 47 मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में ट्रामा सेंटर खोले जाएंगे.इसमें लेवल थ्री और टू स्तर के मेडिकल कॉलेजों को लेवल वन में अपग्रेड किया जाएगा. इन चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों का अपग्रेडेशन किया जाएगा. दिसंबर 2023 तक एसजीपीजीआई, गोरखपुर, कानपुर, मेरठ, कन्नौज, बदायूं, अयोध्या, जिम्स नोएडा, बस्ती, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद और बहराइच को अपग्रेड किया जाएगा.
इसके अलावा दिसंबर 2026 तक UPMS सैफई, RMLIMS आगरा, झांसी, प्रयागराज, चाइल्ड PGI, बांदा, सहारनपुर, जालौन, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, हरदोई, एटा, फतेहपुर, देवरिया, जौनपुर, मिर्जापुर, गाजीपुर और 14 अन्य मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड किया जाएगा.
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