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नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन आयोजन के समर्थन में एक दिन पहले बयान जारी कर कहा है कि सबके दाता राम हैं. यह आयोजन भारत में दोस्ती और भाईचारे के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता का उत्सव हो सकता है.
प्रियंका गांधी ने मंगलवार को जारी अपने बयान में कहा है, आगामी 5 अगस्त 2020 को रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम रखा गया है. भगवान राम की कृपा ये यह कार्यक्रम उनके संदश को प्रसारित करने वाला राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और कार्यक्रम का समागम का कार्यक्रम बने.
भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा pic.twitter.com/fHC2QedZ0w
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 4, 2020
प्रियंका गांधी ने बयान में कहा, दुनिया और भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी और अमिट छाप है. भगवान राम, माता सीता और रामायण की गाथा हजारों वर्षों से हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक स्मृतियों में प्रकाश पुंज की तरह आलोकित है. भारतीय मनीषा रामायण के प्रसंगों से धर्म, नीति, कर्तव्यपरायणता, त्याग, उदात्तता, प्रेम, पराक्रम और सेवा की प्रेरण पाती रही है. उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक रामकथा अनेक रूपों में स्वयं को अभिव्यक्त करती चली आ रही है. श्रीहरि के अनगिनत रूपों की तरह ही रामकथा हरिअनंता है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने अपने बयान में लिखा है, युग-युगांतर से भगवान राम का चरित्र भारतीय भूभाग में मानवता का जोड़ने का सूत्र रहा है. भगवान राम आश्रय है और त्याग भी. राम सबरी के हैं, सु्ग्रीव के भी. राम वाल्मीकि के हैं, और भास के भी. राम कंबन के हैं और एषुत्तच्छन के भी. राम कबीर के हैं, तुलसीदस के हैं, रैदास के हैं. सबके दाता राम हैं. गांधी के रघुपति राघव राजा राम सबको सम्मति देने वालें हैं. वारिस अली शाह कहते हैं, जो रब है यही राम है.
प्रियंका गांधी ने बयान में कहा है, राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त राम को निर्बल का बल कहते हैं. तो महाप्राण निराला वह एक और मन रहा राम का जो न थका की कालजयी पंक्तियों से भगवान राम को ‘शक्ति को मौलिक कल्पना’ कहते हैं. राम साहस हैं, राम संगम हैं, राम संयम हैं, राम सहयोगी हैं. राम सबके हैं. भगवान राम सबका कल्याण चाहते हैं. इसलिए वे मर्यादा पुरुषोत्तम है.
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