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स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- रामचरित मानस के खिलाफ अभियान चलाता रहूंगा, बदलाव होने ही चाहिए

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरितमानस को लेकर बयान दिया है.

Published: February 2, 2023 6:51 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- रामचरित मानस के खिलाफ अभियान चलाता रहूंगा, बदलाव होने ही चाहिए

लखनऊ: श्रीरामचरित मानस पर टिप्पणी को लेकर विवादों से घिरे समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब तक इस महाकाव्य की ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी संशोधित या प्रतिबंधित नहीं होती है तब तक इसके खिलाफ उनकी मुहिम जारी रहेगी. मौर्य ने यहां संवाददाता सम्मेलन में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर वोट लेने के लिए दलितों और पिछड़ों को हिंदू होने का एहसास कराने और सम्मान देने की बारी आने पर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सिलसिला बंद होना चाहिये.

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उन्होंने कहा, ‘‘सिर काट देने, जीभ काट देने और नाक काट देने की चाहे कितनी भी घुड़कियां मिलें, स्वामी प्रसाद मौर्य इससे डरने वाले नहीं हैं. हमने पिछड़ों और वंचितों के सम्मान की बात उठायी है. जब तक (श्री रामचरितमानस) की आपत्तिजनक टिप्पणी संशोधित या प्रतिबंधित नहीं होती तब तक यह अभियान चलता रहेगा.’ पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा, ‘हम तो दलितों और पिछड़ों को गाली खाने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं तो गाली देने वालों के पेट में दर्द हो रहा है. हम अपमानित किए जाने की व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं तो जो लोग अपमानित करने को अपना धर्म समझते हैं, उनके पेट में दर्द हो रहा है.’’

कानून और संविधान में मेरा विश्वास है. मैं शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहता चला आ रहा हूं और आगे भी कहता रहूंगा.’ मौर्य ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘दलित और पिछड़े लोग जब उसी धर्म के हैं तो स्वाभाविक रूप से भाजपा की नजर में वे लोग वोट लेने के लिए तो हिंदू हैं, मगर सम्मान देने की बात आने पर वे बेगाने हो जाते हैं. इसका मतलब आप केवल वोट लेने के लिए ही इनको हिंदू मानते हैं. जब सम्मान और स्वाभिमान की बात आती है, अधिकार की बात आती है तो आप उन्हें दुश्मन मान लेते हो. धर्म की आड़ में उन्हें अपमानित करते हो, यह बंद होना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘बड़े नेता हों, छोटे नेता हों, किसी पार्टी या संगठन से जुड़े हुए हों, मेरा अनुरोध तो सबसे है कि इस देश के 97 फीसद आबादी वाले समस्त शूद्र समाज और महिलाओं को सम्मान देने के लिए आगे आएं. अभी तक धर्म के नाम पर जो अपमानित किए जाने की परंपरा चली आ रही है, इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए.’’

गौरतलब है कि मौर्य ने पिछले महीने 22 जनवरी को एक बयान में महाकाव्य श्रीरामचरित मानस की आलोचना करते हुए कहा था कि उसके कुछ अंशों से दलितों, पिछड़ों और महिलाओं की भावनाएं आहत होती हैं, लिहाजा इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिये. उनके इस बयान पर खासा विवाद हुआ था. उनके खिलाफ लखनऊ में दो मामले भी दर्ज हुए हैं. संत समाज और भाजपा के नेता श्रीरामचरित मानस पर टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं.

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Published Date: February 2, 2023 6:51 PM IST