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समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनके चाचा शिवपाल (Shivpal Yadav) के बीच एक बार फिर रिश्ते बिगड़ते नजर आ रहे हैं. बिगड़ते रिश्तों की खबरों के बीच शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. इससे इस बात के कयास भी शुरू हो गए कि क्या शिवपाल यादव नई राह पर चलने वाले हैं? क्या वह भी अपर्णा यादव की तरह ही भारतीय जनता पार्टी का दामन थामेंगे? हालांकि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने फिलहाल इस सवाल के जवाब को टाल दिया और कहा कि ‘बहुत जल्द मैं हर चीज के बारे में बात करूंगा और सब कुछ बता दूंगा.’ इससे पहले शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने शिवपाल-योगी की मुलाकात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी. मिश्रा ने कहा, ‘चूंकि, वह (शिवपाल यादव) चुनाव के बाद सदन के नेता से नहीं मिल सके थे, इसलिए उन्होंने शपथ लेने के बाद आज उनसे मुलाकात की. उन्होंने विधानसभा के अध्यक्ष से भी मुलाकात की.’ मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री के 5, कालिदास मार्ग स्थित आवास पर यह मुलाकात करीब 20 तक चली. इससे पहले, शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ तनावपूर्ण संबंधों की अटकलों के बीच बुधवार को विधायक के रूप में शपथ ली थी. बुधवार को तीन अन्य विधायकों ने भी शपथ ली. बाद में पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या वह कोई बड़ा फैसला लेंगे? शिवपाल ने कहा, ‘बहुत जल्द मैं हर चीज के बारे में बात करूंगा और सब कुछ बता दूंगा.’
शिवपाल यादव ने अपने भतीजे अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर इटावा की जसवंतनगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था. वह मंगलवार को यहां अखिलेश यादव और सपा सहयोगियों के बीच हुई बैठक में शामिल नहीं हुए थे. इससे पहले, वह राज्य विधानसभा के शपथ समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे. संपर्क करने पर विधानसभा अधिकारियों ने उनके देर से शपथ लेने के बारे में कुछ नहीं कहा.
बुधवार को तीन अन्य विधायकों कैंपियारगंज (गोरखपुर) से फतेह बहादुर सिंह, गोविंदनगर (कानपुर) से सुरेंद्र मैथानी और बिलग्राम-मल्लावा (हरदोई) से आशीष कुमार सिंह ने भी शपथ ली. सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान और कैराना विधायक नाहिद हसन समेत छह विधायकों ने अभी तक शपथ नहीं ली है. वर्ष 2017 के बाद से अलग-अलग रहने के बाद अखिलेश यादव और शिवपाल यादव ने हाल ही में संपन्न राज्य विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आपसी रिश्ते सुधारने का फैसला किया था. आपसी मनमुटाव के कारण शिवपाल यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी बनायी थी.
इस बार शिवपाल सपा के चुनाव चिन्ह पर अपनी पारंपरिक जसवंतनगर सीट से छठी बार जीते हैं. 24 मार्च को सपा विधायकों की बैठक में शिवपाल यादव को नहीं बुलाए जाने के बाद उनके रिश्ते में ताजा तल्खी आई, हालांकि उन्होंने साइकिल के निशान पर चुनाव लड़ा था और यहां तक कि करहल विधानसभा क्षेत्र में अखिलेश के लिए प्रचार भी किया था. इस मसले पर खुद शिवपाल ने नाराजगी जताई थी. सपा की राज्य इकाई के प्रमुख नरेश उत्तम ने कहा था कि सहयोगी दलों के साथ बैठक में शिवपाल को आमंत्रित किया जाएगा.
(इनपुट: भाषा)
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