
UP Election 2022: शिवसेना के कई प्रत्याशियों के नामांकन पत्र खारिज, संजय राउत बोले- BJP को इसकी कीमत चुकानी होगी
उत्तर प्रदेश चुनाव में शिवसेना के सात प्रत्याशियों के नामांकन खारिज कर दिए गए हैं. इसे लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत ने बीजेपी पर निशाना साधा है.

मुंबई: उत्तर प्रदेश चुनाव में शिवसेना के सात प्रत्याशियों के नामांकन खारिज कर दिए गए हैं. इसे लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत ने बीजेपी पर निशाना साधा है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि नामांकन अवैध रूप से खारिज कर दिये गये हैं. बीजेपी हमसे डर गई है. बीजेपी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. संजय राउत ने मुंबई में पत्रकारों सेकहा कि वह इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग के पास जाएंगे और सभी जरूरी दस्तावेज सौंपेंगे. बता दें कि उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव आगामी 10 फरवरी से सात चरणों में होंगे. नतीजे 10 मार्च को घोषित किये जाएंगे.
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संजय राउत ने आरोप लगाया कि नोएडा, बिजनौर और मेरठ में छह से सात निर्वाचन क्षेत्रों में संबद्ध जिलाधिकारियों ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया और दबाव में आकर शिवसेना उम्मीदवारों के नामांकन रद्द कर दिये, ताकि पार्टी यूपी में पैर नहीं जमा सके. उन्होंने दावा किया, ‘‘दस्तावेज सही थे और नामांकन पत्र समय पर दाखिल किये गये थे. हमारे बिजनौर उम्मीदवार का नामांकन पत्र खारिज करने का कारण ठीक वैसा ही था, जैसा कि हमारे (गोवा) उम्मीदवार ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नामांकन (तटीय चुनावी राज्य में) फॉर्म को लेकर आपत्ति जताई थी. सावंत के पक्ष को अधिकारियों द्वारा सुना गया और मुद्दे का हल (सावंत के पक्ष में) कर दिया गया, लेकिन यूपी में हमारे उम्मीदवारों को आपत्तियों पर जवाब देने की अनुमति नहीं दी गई.’’
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि पार्टी के कुछ उम्मीदवारों को उप्र में चुनाव से अपना नाम वापस लेने की धमकी दी गई. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोगों को यह आशंका है कि शिवसेना उम्मीदवार जीत सकते हैं या वे उनकी हार सुनिश्चित कर सकते हैं. शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र नहीं है. चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष होना चाहिए. ’’ महात्मा गांधी की हत्या एक हिंदुत्ववादी द्वारा किये जाने संबंधी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा, ‘‘हिंदुत्ववादी ने जिन्ना की हत्या क्यों नहीं की, जिसने (एक अलग देश) पाकिस्तान की मांग की थी और एक निहत्थे फ़कीर महात्मा गांधी की हत्या क्यों की.’’
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