Top Recommended Stories

UP News: स्वतंत्र देव सिंह के इस्तीफे के बाद भाजपा तलाश रही यूपी में 'पार्टी का नया मुखिया', 2024 के लिए किसे मिलेगी कमान?

यूपी में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के इस्तीफा देने के बाद भाजपा अब यूपी में 'पार्टी का नया मुखिया' तलाश रही है. अगले लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा यूपी में अब किसे सौंपेगी कमान? ये है पूरा समीकरण-

Published: July 28, 2022 10:34 AM IST

By Kajal Kumari

Lucknow, UP, UP BJP, Swatantra Dev Singh, Fortuner, SP, BSP, UP Assembly Election 2022, UP Assembly Elections 2022, Uttar Pradesh Assembly Election 2022, Lakhimpur Kheri case, Lakhimpur Kheri, UP, Uttar Pradesh,
UP BJP state president Swatantra Dev Singh resigns

UP News: यूपी में बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद बुधवार को स्वतंत्र देव सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा भेज दिया है. अब यूपी में भाजपा अध्यक्ष कौन होगा इसे लेकर गहन मंथन जारी है और साथ ही लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहे हैं कि भाजपा आनेवाले 2024 के आम चुनाव में प्रदेश की कमान किसे सौंपेगी.

कौन होगा नया अध्यक्ष-ब्राह्मण, दलित या ओबीसी

उत्तर प्रदेश में भाजपा के अध्यक्ष पद की बात करें तो पिछले 20 साल भाजपा ने पार्टी की कमान ब्राह्मण समुदाय के हाथों में ही सौंपा है. इस कारण से इस बार भी ब्राह्मण चेहरों की चर्चा ज्यादा है. लेकिन साल 2024 में होनेवाले आम चुनाव को लेकर भाजपा काफी सोच समझकर इसका फैसला लेगी. भाजपा अपने फैसले से पहले भी सबको चौंकाती रही है. इसीलिए ये पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता है कि कौन होगा यूपी में पार्टी का चेहरा.

You may like to read

प्रदेश का सियासी और जातीय समीकरण देखें तो लगता है कि या तो भाजपा इस बार ब्राह्मण चेहरा तलाश करेगी या फिर पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए किसी दलित और ओबीसी समुदाय में में से किसी को चुनेगी.

ब्राह्मणों में इन नामों की चर्चा है तेज

उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के लिए लग रही कयासबाजी में पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, कन्नौज के सांसद एवं प्रदेश महामंत्री सुब्रत पाठक, अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम, नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा और प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक के नाम की चर्चा तेज है.

पहले भी ब्राह्मणों ने संभाली है कमान

इससे पहले  2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान केशरीनाथ त्रिपाठी, 2009 के चुनाव में रमापति राम त्रिपाठी, 2014 में लक्ष्मीकांत वाजपेयी और 2019 में महेंद्र नाथ पांडेय ने यूपी की कमान संभाली थी. तो शायद इस बार भी 2024 के चुनाव के लिए भाजपा नए अध्यक्ष के रूप में ब्राह्मण चेहरा ही चुन सकती है.

ओबीसी, पिछड़ा और दलित हो सकते हैं अध्यक्ष

सूबे में 52 फीसदी से ज्यादा ओबीसी वोटर हैं, जो किसी भी राजनीतिक दल का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं. सूबे के जातीय समीकरण को देखते हुए आनेवाले आम चुनाव से पहले भाजपा ओबीसी समुदाय या अतिपिछड़ा वर्ग समुदाय में से भी किसी को  प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप सकती है. पहले केशव प्रसाद मौर्य और फिर स्वतंत्र देव सिंह ने जो प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर ओबीसी मतदाताओं पर अपनी पकड़ जो बनाई है, उसे भाजपा खोना नहीं चाहेगी.


ओबीसी के इन चेहरों पर है नजर

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नाम के साथ ही केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी भी प्रदेश अध्यक्ष के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. बीएल वर्मा ओबीसी के लोध समुदाय से आते हैं. तो वहीं, भूपेंद्र सिंह चौधरी और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, जो जाट समुदाय से आते हैं, उनके नाम की भी चर्चा है. ओबीसी कैंप से मंत्री धर्मपाल सिंह अमरपाल मौर्य का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल है.

ये दलित चेहरे भी हैं रेस में
बीजेपी लगातार दलित वोटों पर फोकस कर रही है. ऐसे में दलित चेहरे के तौर पर केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, कौशांबी के सांसद विनोद कुमार सोनकर, एमएलसी लक्ष्मण आचार्य और इटावा के सांसद राम शंकर कठेरिया को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है.

Also Read:

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें India Hindi की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.

?>