UP Assembly Election 2022: प्रियंका गांधी के आने से चुनाव में सपा को कितना होगा नुकसान, अखिलेश यादव ने बताया

UP Assembly Election 2022: प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav) से पहले खूब सक्रिय हैं. क्या इससे कांग्रेस (Congress) को फायदा होगा, या इससे किस पार्टी को नुकसान होगा. क्या समाजवादी पार्टी पर प्रियंका (Priyanka Gandhi) की सक्रियता असर डालेगी?

Published: December 3, 2021 4:09 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

UP Assembly Election 2022: प्रियंका गांधी के आने से चुनाव में सपा को कितना होगा नुकसान, अखिलेश यादव ने बताया

UP Assembly Election 2022: प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav) से पहले खूब सक्रिय हैं. क्या इससे कांग्रेस को फायदा होगा, या इससे किस पार्टी को नुकसान होगा. क्या समाजवादी पार्टी पर प्रियंका (Priyanka Gandhi) की सक्रियता असर डालेगी? अखिलेश यादव ने इसे लेकर खुद जवाब दिया है. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि प्रियंका गांधी की यूपी में मौजूदगी सपा को कोई नुकसान पहुँचेगी. सपा को इससे शून्य नुकसान होगा.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) इन दिनों मिशन बुंदेलखंड (Bundelkhand) पर हैं. मिशन बुंदेलखंड के तीसरे दिन वो झांसी में अपनी विजय रथ यात्रा (Vijay Rath Yatra Samajwadi Party) निकाल रहे हैं. इसके पहले, उन्होंने भाजपा (BJP) पर निशाना साधा और कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता बीजेपी को हटाएगी. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से खास बातचीत की. इस सवाल पर कि कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) चुनाव में उतरी हुई है आप कोई नुकसान देख रहे है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, उनके आने से पार्टी को शून्य नुकसान हुआ है.

जब उनसे पूछा गया कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) यह दावा करती है कि उत्तर प्रदेश में अपराध बढ़ा हैं लेकिन गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सहारनपुर में आंकड़ो के जरिए आपके दावों पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. तो इस सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा , जो भारत सरकार के आंकड़े है उन आंकड़ो के जरिये उन्हें यह बताना चाहिए कि महिलाओं और बेटियों पर जिन इलाकों में सबसे ज्यादा अन्याय और अत्याचार हुआ है, वह उत्तर प्रदेश है. उन्होंने कहा, पूरे देश में यह बताएं कि आईपीएस कहीं फरार है, क्या किसी और देश में भी हैं ? सरकार को इसकी जानकारी नहीं है कि एक आईपीएस दूसरे आईपीएस पर ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं.

उन्होंने कहा, क्या किसी देश में ऐसा हुआ है कि एक व्यापारी व्यापार करने आया हो और पुलिस जाकर उनसे पैसे वसूलने पहुंच गई हो ? कासगंज में 2 फीट के पानी के पाइप से फांसी लगा क्या आदमी आत्महत्या कर लेगा ? प्रदेश में फर्जी एनकाउंटर हो रहे हैं, इसको लेकर भी सबसे ज्यादा नोटिस किसी को मिले तो वह भारतीय जनता पार्टी है.

अखिलेश यादव ने बुंदेलखंड की जनता का धन्यवाद भी दिया और कहा कि यहां की जनता से बड़े पैमाने पर समर्थन मिल रहा है. वहीं यहां की जनता ने बीजेपी को पूरा समर्थन दिया लेकिन इनके कार्यकाल में जनता खाली हाथ रह गई. बुंदेलखंड को आगे बढाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं किया. इतना ही नहीं वह पुराने कार्य भी पूरा नहीं कर पाई.

सरकार ने किसानों , नौजवानों व्यापारियों के लिए संकट पैदा कर दिया है. यह लोग इनकी सरकार से बहुत दुख है. अब झांसी के लोग झांसे में नहीं आएंगे. इसके अलावा अखिलेश ने एक बुजुर्ग को बुलाकर बताया कि , इनका सरकार पर आरोप है कि इनके घर के सदस्य को झूठे केस में फंसा कर कस्टडी में मार दिया. इनको न्याय कौन देगा ? बीते दो महीनों में एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है और यह पहली घटना नहीं है. एफआईआर दर्ज कराना इनका पहला अधिकार है.

अखिलेश ने कहा- यह सच्चाई है बीजेपी की और यह इसलिए हो रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री ने खुद अपने मुकदमे वापस ले लिए हैं. जो अंग्रेज लोगों को बांटकर राज कर रहे थे, वहीं बीजेपी मारो और डराने की राजनीति कर रही है. अखिलेश यादव की विजय यात्रा झांसी के लक्ष्मी गार्डन, इलाइट चौराहा, जेल चौराहा, कचहरी चौराहा, कुंज वाटिका विवाह घर, मण्डी तिराहा, विश्वविद्यालय गेट, मेडीकल कालेज गेट, मेडीकल वाईपास तिराहा होते उनकी विजय यात्रा निकलेगी. इन जगहों पर उनका कार्यकतार्ओं द्वारा स्वागत भी किया जा रहा है. इसके बाद वह बड़ागांव स्थित महंत लक्ष्मण दास कन्या इण्टर कॉलेज में विशाल जनसभा को सम्बोधित करेंगें. वहीं चिरगांव में राष्ट्रीय कवि मैथिलीशरण महाविद्यालय व मोंठ में टीका राम महाविद्यालय में वो जनसभाओं को सम्बोधित करेंगे.

बुंदेलखंड में हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट मिलाकर एक मंडल है. झांसी, ललितपुर, जालौन मिलाकर दूसरा मंडल है. सात जिले और 19 विधानसभा सीटें हैं. अखिलेश यादव के लिए बुंदेलखंड एक बड़ी चुनौती बना हुआ है क्योंकि इस क्षेत्र में भाजपा ज्यादा मजबूत है. इन सभी 19 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. बुंदेलखंड सियासी तौर पर इस बार सपा के लिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सपा, बसपा और कांग्रेस का इस इलाके में पूरी तरह से सफाया कर दिया था.

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