
UP Chunav 2022: गठबंधन जरूर मगर सपा के सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ेंगे ओपी राजभर, पढ़िए SBSP प्रमुख का ये खास इंटरव्यू
Uttar Pradesh Assembly Elections 2022: राजभर ने कहा कि हमने भले ही सपा से गठबंधन किया हो, लेकिन हमारी पार्टी उनके सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ेगी. इसके अलावा उनका कहना है कि भाजपा ने पिछड़े का आरक्षण लूटा है.

Uttar Pradesh Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी (SP) के साथ गठबंधन करके लड़ रहे है. उनका कहना है कि हमने भले ही सपा से गठबंधन किया हो, लेकिन हमारी पार्टी उनके सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ेगी. इसके अलावा उनका कहना है कि भाजपा ने पिछड़े का आरक्षण लूटा है.
Also Read:
योगी सरकार पर लगाए आरक्षण लूटने के आरोप
ओमप्रकाश राजभर ने आईएएनएस से कहा कि पिछड़ों का आरक्षण को योगी सरकार ने लूटा है. चाहे छात्रवृत्ति का मामला हो, या फिर 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला, इसमें सरकार ने पिछड़ो का 27 प्रतिशत और दलितों का साढ़े 22 प्रतिशत आरक्षण योगी सरकार ने लूटा. इस मामले में अभ्यर्थियों को लाठी ही मिली है. वे उप मुख्यमंत्री के यहां गए, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के यहां गए हर जगह उन्हें परेशान होना पड़ा, लाठी खानी पड़ी. इसके बाद अभ्यर्थी पिछड़ा वर्ग आयोग गए. वहां पर जांच हुई तो पता चला कि इस भर्ती में पिछड़े और दलितों के आरक्षण को लागू नहीं किया गया. तब योगी जी ने छह हजार पद देने की बात कही. इससे सिद्ध होता है कि पिछड़ों का हक लूटा जा रहा है.
सपा के सिंबल कोई उम्मीदवार नहीं लड़ेगा चुनाव
SBSP कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से सूची तय करेंगे. अभी संडीला और मिश्रिख से प्रत्याशी घोषित किए गए हैं. हमारा उद्देश्य 14 विधायक बनवाकर अपनी पार्टी को मान्यता प्राप्त दल बनवाना है. सपा के सिंबल पर कोई हमारा प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ेगा. ऐसा ना करता हूं ना कभी करुंगा. भाजपा द्वारा सपा के उम्मीदवारों को अपराधी बताने पर राजभर ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री खुद अपराधिक प्रवृत्ति के हैं. सरकार बनने पर अपने मुकदमे वापस लिए हैं. 90 प्रतिशत अपराधी भाजपा में हैं. संगीत सोम क्या साधू हैं. भाजपा के नेताओं को झूठ बोलने की ट्रेनिंग नागपुर में दी जाती है. भाजपा के मंहगाई की बात करने पर राष्ट्रद्रोही बताते हैं. एक समान शिक्षा पर बांग्लादेशी भी बताते हैं. देश व प्रदेश की मूलभूत समस्याओं से ये ध्यान भटकाते हैं. नफरत की राजनीति करते हैं. गुमराह करके वोट लेते हैं. ब्रजेश सिंह जब एमएलसी बन सकते हैं तो खुशी दुबे की मां चुनाव क्यों नहीं लड़ सकती हैं.
खुद कहां से चुनाव लड़ेंगे राजभर ?
राजभर ने बताया कि बनारस की शिवपुर सीट के कार्यकर्ता चाहते हैं कि मैं वहां से चुनाव लड़ूं. गाजीपुर जिले की जहूराबाद विधानसभा के कार्यकतार्ओं की भी मांग है कि मैं वहां से चुनाव लड़ू. अभी कार्यकतार्ओं से राय मशविरा किया जाएगा. केवल एक सीट पर चुनाव लड़ा जाएगा. अभी तय नहीं कहां से लड़ेंगे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने योगी सरकार के मंत्री अनिल राजभर पर निशाना साधा और कहा कि अनिल राजभर लोडर हैं. उनकी बातों में कोई दम नहीं है. पिछड़ों की न्याय के लिए आवाज नहीं उठाई और आरक्षण पर चुप रहे. 1700 थाने पर पर इनकी हिस्सेदारी कैसे सुनिश्चित हो इस पर नहीं बोलते हैं. शिवपुर में इनके विरोध में 90 प्रतिशत लोग हैं. इनसे भाजपा के कार्यकर्ता खुश नहीं हैं. इन्हें बोलने का तरीका नहीं आता है. अधिकारी से बात करने का तरीका नहीं आता है. ओमप्रकाश राजभर कहीं से चुनाव लड़ेगा जीत जाएगा. लेकिन निशाना अभी शिवपुर सीट पर है.
भागीदारी मोर्चा बिखरने पर दी राय
भागीदारी मोर्चा बिखरने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति को लालच बढ़ता है तो काम नहीं बनता है. सपा मुखिया ने कहा है कि जहां जिसका प्रभाव है वहां पर सीट लेकर चुनाव लड़ लें. लेकिन किसी को 40 सीट चाहिए किसी को 50 चाहिए. जब इतनी सीटें सबको दे देंगे तो वह क्या करेंगे. इस कारण बात नहीं बनी. चन्द्रषेखर से दो सीट पर बात तय हो गयी थी. फिर वह पांच सीट मांगने लगे तो व्यवस्था नहीं हो पायी.
मुख्तार अंसारी या उनके परिवार को चुनाव लड़ाने के सवाल पर राजभर ने कहा कि ‘ब्रजेश सिंह से मिलने अहमदाबाद और बनारस भी गए. मुख्तार अंसारी से पंजाब और बांदा मिलने गए. हमारा उनका संबंध है. मुकदमा किसी के उपर लिखा है वह अलग बात है. चुनाव आयोग को तय करना है कि कौन चुनाव लड़ेगा या नहीं. अगर उनके परिवार के लोग हमसे संपर्क करते हैं तो विचार किया जाएगा. अभी तक इस बारे में किसी ने संपर्क नहीं किया है.’
भाजपा से बड़ा आईटी सेल है हमारा- राजभर
कोरोना की पाबंदी और रैली न हो पाने और अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में ओमप्रकाश ने बताया कि भाजपा से बड़ा आईटी सेल हमारा है. मेरा एक वीडियो करोड़ों लोग देखते हैं. भाजपा एक माह जितना प्रचार करेगी, उतना हम एक दिन में करते हैं. हमारे पास 222 लोग पिछले दो साल से काम कर रहे हैं. आनलाइन बैठक और रैली लगातार चल रही हैं. हम किसी मामले में कमजोर नहीं हैं.
भाजपा से आए पिछड़े समाज के मंत्रियों के प्रभाव के बारे में पूछने पर राजभर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह, दारा सिंह और राजभर जब बसपा में थे, तो उनकी सरकार बनी. फिर भाजपा में गए तो उनकी सरकार बनी. अब यह टीम अखिलेश के साथ है, अब सपा गठबंधन की सरकार बननी है. जो लोग भी आए हैं, सबकी अपनी पकड़ है. अगर पकड़ ना होती तो अमित शाह, योगी हम लोगों से संपर्क ना साधते. जिस दिन हटे हैं उसी वक्त से यह सब परेशान है. विधायक दौड़ाए जा रहे हैं.
डिप्टी सीएम को स्टूल पर बिठाती है भाजपा
राजभर ने कहा कि पिछड़े समाज के किसी नेता के आने से मुझे कोई असहजता नहीं है. भाजपा में मुख्यमंत्री बैठते हैं सोफा पर जबकि डिप्टी सीएम स्टूल पर बैठते हैं. क्या यही राष्ट्रवाद है. पिछड़े का सम्मान पिछड़ा ही करेगा. बाहरी लोगों को आने पर पार्टी गठबंधन में अन्तरकलह के बारे में पूछने पर बताया कि कोई परेशानी नहीं है. जनता प्रदेश में बदलाव चाहती है. जिन्होंने पांच साल कोई काम नहीं किया वो ही अपना ठिकाना ढूढ रहे हैं. बसपा और कांग्रेस दोनों जितना सीट पाएंगे, उतनी सीटें सुभासपा अकेले पाएगी.
एक अन्य सवाल के जवाब में राजभर ने कहा कि हम दो साल से लगातार सभी विधानसभाओं में ग्रासरूट पर किया. अपने पदाधिकारियों को ट्रेंड किया. जुलूस, आन्दोलनों के माध्यम से हम जनता के बीच में रहे. हमने जनता को बताया कि सरकार बनते ही जातिवार जनगणना छह माह में करवाएंगे. पांच साल तक 300 यूनिट बिजली मुफ्त में देंगे. पुरानी पेंशन बहाल करेंगे. (IANS Hindi)
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें देश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें