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अखिलेश यादव-जयंत चौधरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए लोगों के खिलाफ मुकदमा, प्रत्याशी पर भी एफआईआर

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayanti Chaudhary) द्वारा दो दिन पहले संबोधित सपा-रालोद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शामिल हुए लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

Updated: January 31, 2022 4:41 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

अखिलेश यादव-जयंत चौधरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए लोगों के खिलाफ मुकदमा, प्रत्याशी पर भी एफआईआर
यूपी में अखिलेश यादव की पार

UP Election 2022: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayanti Chaudhary) द्वारा दो दिन पहले संबोधित सपा-रालोद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शामिल हुए लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. हापुड़ पुलिस ने कथित तौर पर कोविड-19 (Corona Virus) प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में 2,000 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें गढ़मुक्ते श्वर से गठबंधन के उम्मीदवार रवींद्र चौधरी, अखिलेश यादव के चुनाव अधिकारी आनंद पाल सिंह और दोनों पार्टियों के कई अन्य सदस्य शामिल हैं.

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पुलिस ने कहा कि आयोजकों को 500 लोगों की अनुमति दी गई थी, लेकिन लवकुश गार्डन में बड़ी भीड़ देखी गई. साथ ही, प्रेस मीट शाम 7 बजे तक खत्म होनी थी, लेकिन यह निर्धारित समय से अधिक हो गई. हापुड़ के एसपी दीपक भुकर ने कहा, “यह कोविड-19 और ईसी मानदंडों का स्पष्ट उल्लंघन है. हमने आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत दो ज्ञात और 2,000 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.”

पुलिस ने सपा और रालोद उम्मीदवारों पर ‘बार-बार चेतावनी के बावजूद राजमार्ग पर भीड़ जुटाने’ का आरोप लगाया. इस बीच अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने अपने संयुक्त अभियान के दौरान ‘अन्ना जल’ प्रस्ताव को अपनाया और कहा कि वे चौधरी चरण सिंह की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने कहा कि उनकी ‘लाल टोपी और लाल पोटली’ भाजपा को हरा देगी और वे मिलकर राज्य में गंगा-जमुनी संस्कृति को फिर से स्थापित करेंगे.

अखिलेश ने कहा, “यह लाल टोपी और अनाज वाली लाल पोटली उन्हें सबक सिखाएगी. किसान सत्ताधारी पार्टी को गिराने के लिए तैयार हैं. इसे शून्य सीटें मिलेंगी क्योंकि पश्चिमी यूपी के लोग भाजपा से नाराज हैं. हर बीजेपी नेता के चेहरे पर हार का असर साफ नजर आ रहा है.” सहयोगी दलों ने कहा कि जो लोग किसानों को आतंकवादी कहते थे, वे किसान समर्थक होने का नाटक कर उनके आंदोलन में रोड़ा अटका रहे हैं. अखिलेश ने कहा, “किसानों ने सराहनीय धैर्य और साहस का प्रदर्शन किया है, जिसके आगे भाजपा सरकार को झुकना पड़ा और तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा.” जयंत चौधरी ने कहा कि जिस तरह से भाजपा सरकार के मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल दिया, उसे कोई नहीं भूल सकता.

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