Top Recommended Stories

पुलिसवालों ने बनाई 'रील' तो अब खैर नहीं, यूपी के DGP ने जारी की नई सोशल मीडिया पॉलिसी

UP Police New Social Media Policy: उत्तर प्रदेश में अब ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. कांस्टेबल से लेकर IPS अधिकारी तक के लिए यह प्रतिबंध लागू किया गया है.

Published: February 8, 2023 9:48 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Parinay Kumar

उत्तर प्रदेश पुलिस
उत्तर प्रदेश पुलिस

UP Police New Social Media Policy: उत्तर प्रदेश में अब ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. कांस्टेबल से लेकर IPS अधिकारी तक के लिए यह प्रतिबंध लागू किया गया है. इसके लिए उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में सोशल मीडिया पॉलिसी जारी की है. DGP उत्तर प्रदेश की तरफ से इस बाबत निर्देश जारी किये गए हैं. उन्होंने कहा कि खासतौर से जिला स्तर पर भी गंभीरता से इसका पालन हो. पॉलिसी के अनुसार वर्दी में रील बनाने चैटिंग करने या वर्दी में कार्य के समय बिना वजह फोटो डालने पर भी रोक लगाई गई है. उत्तर प्रदेश में यह पॉलिसी लागू करने से पहले विभिन्न संस्थाओं से न केवल रायशुमारी की गई, बल्कि राज्यों के साथ ही विभिन्न देशों कि सोशल मीडिया नियमावली का भी अध्ययन किया गया है.

Also Read:

पॉलिसी के अनुसार सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग निश्चित रूप से पुलिसकर्मी के बहुमूल्य समय को नष्ट करता है. इसलिए राजकीय एवं विभागीय हित में इसे प्रतिबंधित किया जाता है. कार्य सरकार के दौरान अपने कार्यालय एवं कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो, रील्स इत्यादि बनाने या किसी भी कार्मिक द्वारा अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर लाइव टेलीकास्ट को प्रतिबंधित किया जाता है. ड्यूटी के बाद भी बावर्दी किसी भी प्रकार की ऐसी वीडियो अथवा रील्स इत्यादि जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किये जाने को प्रतिबंधित किया जाता है.

आगे कहा गया है कि थाना, पुलिस लाइन, कार्यालय इत्यादि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल, फायरिंग में भाग लेने का लाईव टेलीकास्ट एवं कार्यवाही से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना गोपनीयता का उल्लंघन है. कार्यस्थल की गोपनीयता बनाये रखने के दृष्टिगत सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसे प्रतिबंधित किया जाता है. अपने कार्यस्थल से संबंधित किसी वीडियो, रील्स इत्यादि के जरिये शिकायतकर्ता के संवाद का लाइव टेलीकास्ट, वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना उसकी निजता का उल्लंघन हो सकता है. इसलिए सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसे प्रतिबंधित किया जाता है.

पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य के दौरान सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चैट, वेबीनार इत्यादि में आमंत्रित किये जाने पर उसमें भाग लेने से पूर्व अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित कर अनुमति प्राप्त करना होगा. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पुलिस कार्मिक किसी भी प्रकार का धनार्जन, आय प्राप्त नहीं करेंगे. जबतक कि इस संबंध में उनके द्वारा सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त न कर ली जाए.

सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से किसी भी व्यक्तिगत, व्यवसायिक कम्पनी अथवा उत्पाद, सेवा का प्रचार-प्रसार किया जाना प्रतिबंधित किया जाता है. किसी भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट अथवा पीड़ित के प्रार्थना-पत्र को सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाला जायेगा. किसी भी यौन शोषित पीड़िता या किशोर, किशोरी तथा किशोर आरोपित दोषी (जुवेनाइल ऑफेंडर्स) की पहचान अथवा नाम सम्बन्धित विवरण सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उजागर नहीं किया जाएगा.

सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महिलाओं एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की गरिमा को प्रभावित करने वाले या उनकी गरिमा के विपरीत कोई भी टिप्पणी नहीं की जायेगी. पुलिस कार्मिकों द्वारा विभाग में असंतोष की भावना फैलाने वाली पोस्ट अथवा सामग्री सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जायेगी.

(इनपुट: IANS)

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें राज्य समाचार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Published Date: February 8, 2023 9:48 PM IST