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Viral News: "जहां मरे हो वहीं से नामांकन करो, वहीं से जिंदा हो जाओगे" कहकर रिटर्निंग ऑफिसर ने उम्मीदवार का चुनावी पर्चा खारिज किया

Viral News: नामांकन कैंसिल करने का कारण पूछने पर अधिकारियों ने कहा कि 'जहां पर मरे हो, वहां जाकर नामांकन भरो तो वहीं से जिंदा हो जाओगे.' नामांकन रद्द होने के बाद से ही संतोष मूरत सिंह काफी हताश और निराश हैं.

Published: February 3, 2022 5:06 PM IST

By India.com Hindi News Desk

Santosh Murat Singh

Viral News: कैसा लगेगा जब आप जिंदा होते हुए भी खुद को कागजों पर जिंदा साबित नहीं कर पाएंगे. इसके लिए आपके द्वारा की गई सारी कोशिशें भी एक के बाद बेकार चली जाएं. निश्चित तौर पर टूट जाएंगे. यूपी विधानसभा चुनाव के बीच ऐसे ही एक शख्स की खबर सामने आई है, जो खुद को बीस साल से जिंदा साबित करने की कोशिश में लगा हुआ. ये शख्स वैसे तो जिंदा है लेकिन कागजों में ये मृत हो चुका है. खुद को जिंदा साबित करने के लिए शख्स यूपी विधानसभा चुनाव में कानपुर के महाराजपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था, लेकिन यहां भी उसकी किस्मत दगा दे गई. शख्स का नाम संतोष मूरत सिंह है, जो वाराणसी के रहने वाले हैं. चुनाव के लिए नामांकन करने पहुंचे संतोष मूरत सिंह का रिटर्निंग ऑफिसर ने यह कहते हुए नामांकन रद्द कर दिया कि “जहां मरे हो वहीं से नामांकन करो, वहीं से जिंदा हो जाओगे.”

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शख्स का नामांकन हुआ रद्द

कानपुर के महाराजपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे संतोष मूरत सिंह नामांकन के लिए पहुंचे थे. लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने जब उनके कागजात चेक किए तो हैरान रह गए. रिटर्निंग ऑफिसर ने उनका नामांकन कैंसिल कर दिया. नामांकन कैंसिल करने का कारण पूछने पर अधिकारियों ने कहा कि टजहां पर मरे हो, वहां जाकर नामांकन भरो तो वहीं से जिंदा हो जाओगे.ट नामांकन रद्द होने के बाद से ही संतोष मूरत सिंह काफी हताश और निराश हैं. साथ ही इसे वो खुद के खिलाफ षड्यंत्र भी बता रहे हैं. बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के लिए जनसंघ पार्टी से पहली बार टिकट मिला था. इससे पहले चुनावों में निर्दलीय नामांकन करते चले आ रहे थे.

नामांकन रद्द होने पर क्या बोले संतोष मूरत सिंह

20 साल से खुद को जिंदा साबित करने की कोशिश में जुटे संतोष मूरत सिंह को इस यूपी विधानसभा चुनाव से उम्मीद की किरण नजर आई. इसी के मद्देनजर वो चुनाव के लिए नामांकन भरने पहुंचे थे. लेकिन अब जब उनका नामांकन रद्द हो गया है को वो काफी निराश हैं. उनका कहना है, “यह लोकतंत्र नहीं है, बल्कि षड्यंत्र है. बता दें कि वाराणसी के रहने वाले संतोष मूरत सिंह 20 सालों से कागजों पर मृत हैं. संतोष खुद को जिंदा साबित करने के लिए जद्दोजहद कर रहें हैं. पिछले 20 साल से गले में मैं जिंदा हूं की तख्ती डाल कर चल रहे हैं. उनके जीवन पर बनी फिल्म ‘कागज’ भी रिलीज हो चुकी है.

हर बार हाथ लगी निराशा

संतोष मूरत सिंह खुद को जिंदा साबित करने की तमाम कोशिशें कर चुके हैं. लेकिन इस बार की तरह हर बार उनके हाथ सिर्फ और सिर्फ निराशा ही हाथ लगती है. खुद को जिंदा साबित साबित करने के लिए संतोष मूरत सिंह जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने पर भी बैठ चुके हैं, लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं है. वो बताते हैं कि गांव में उन्हें मृतक दिखाकर उसकी जमीन भी हड़प ली गई है. इसी को लेकर उन्होंने गले में तख्ती लगाकर दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना दिया. लेकिन फिर वो खुद को कागजों पर जिंदा साबित नहीं कर पाए हैं. (श्याम तिवारी की रिपोर्ट)

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Published Date: February 3, 2022 5:06 PM IST