Wasim Rizvi Dharm Pravirtan: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमेन वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़ा, हिंदू धर्म अपनाया

शिया वक्फ बोर्ड (Shia Waqf Board) के पूर्व चेयरमेन (Wasim Rizvi) हिंदू बन गए हैं. शिव शक्ति धाम के महंत नरसिंहानंद गिरि महाराज (Yati Narsinghanand Giri Maharaj) ने गाजियाबाद (Ghaziabad) के डासना देवी मंदिर (Dasna Devi Temple) में वसीम रिजवी को सनातन धर्म ग्रहण करवाया.

Updated: December 6, 2021 10:32 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Digpal Singh

Wasim Rizvi Dharm Pravirtan: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमेन वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़ा, हिंदू धर्म अपनाया

Wasim Rizvi Dharm Pravirtan: इस्लाम को लेकर अपनी बेबाक राय रखने वाले वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) अक्सर कट्टरपंथियों के निशाने पर रहते हैं. शिया वक्फ बोर्ड (Shia Waqf Board) के पूर्व चेयरमेन (Wasim Rizvi) हिंदू बन गए हैं. उन्होंने इस्लाम (Islam) छोड़कर हिंदू धर्म (Hindu Religion) अपनाने का फैसला किया है. बता दें कि वसीम रिजवी ने कुरान की आयतों (Verses of Qurean) को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अर्जी दी थी. शिव शक्ति धाम के महंत नरसिंहानंद गिरि महाराज (Yati Narsinghanand Giri Maharaj) ने गाजियाबाद (Ghaziabad) के डासना देवी मंदिर (Dasna Devi Temple) में सोमवार सुबह वसीम रिजवी को सनातन धर्म ग्रहण करवाया. ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले ही वसीम रिजवी ने अपनी वसीयत में लिखा था कि उन्हें इस्लाम के अनुसार दफ्नाने की बजाय हिंदू धर्म के रीति रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाए. उनकी यह वसीहत ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं थीं. हालांकि, मुस्लिम समुदाय के कई धर्म गुरुओं ने उसी समय कहा था कि इस्लाम और शियाओं से वसीम रिजवी का कोई लेना-देना नहीं है.

वसीम रिजवी अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. वह तब भी सुर्खियों में आ गए थे, जब उन्होंने कुरान की आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी. सुप्रीम कोर्ट में उनकी अर्जी के बाद से ही अल्पसंख्यक संगठनों ने उनका जमकर विरोध किया था. वसीम रिजवी की किताब को लेकर भी देश में काफी विवाद हुआ था. वसीम रिजवी के हिंदू बनने पर बड़ी संख्या में हिंदू धर्मगुरुओं ने उनका स्वागत किया है.

वसीम रिजवी से कट्टरपंथी अक्सर नाराज रहते हैं और हाल ही में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया था कि कट्टरपंथी उनकी गर्दन काटना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने कुरान की 26 आयतों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें हटाने की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें मारने का ऐलान किया गया है और वे लोग उन्हें कब्रिस्तान में दफन करने की भी जगह नहीं देंगे. इसीलिए उन्होंने कहा था कि मरने के बाद हिंदू धर्म के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाए. उन्होंने अपनी चिता पर आग लगाने के लिए भी महंत यति नरसिंहानंद गिरि महाराज को चुना था.

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