
UP ke Mukhyamantri: कई रिकॉर्ड बनाने के करीब हैं योगी आदित्यनाथ, 21 मुख्यमंत्री ले चुके हैं शपथ; यहां है यूपी के मुख्यमंत्रियों की पूरी सूची
उत्तर प्रदेश के चुनावी इतिहास में अब तक 21 व्यक्ति मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. कई नेता तो 3-4 बार भी मुख्यमंत्री बने हैं. लेकिन साल 2022 का विधानसभा चुनाव अनोखा है. राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई रिकॉर्ड तोड़ने की कगार पर हैं. यदि वह जीत जाते हैं और एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं तो उनके नाम यह रिकॉर्ड दर्ज हो जाएंगे. जानें यूपी के अब तक से मुख्यमंत्रियों का इतिहास...

UP ke Mukhyamantri : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) गोरखपुर से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है. योगी लगातार तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री भी हैं, जो एमएलसी रहते हुए मुख्यमंत्री बने. उत्तर प्रदेश के इतिहास में यूपी के मुख्यमंत्री की सूची में वह तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है. उनसे पहले दो मुख्यमंत्री जिन्होंने कार्यकाल पूरा किया वह 2012-2017 अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और 2007-2012 मायावती (Mayawati) थे. इस तरह से वह लगातार तीसरे मुख्यमंत्री भी हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है. भाजपा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहरी सीट (Gorakhpur Urban Assembly Seat) से अपना प्रत्याशी बनाया है. अगर वह यहां से चुनाव जीतकर विधायक चुने जाते हैं, राज्य में भाजपा सरकार बनती है और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो वह 15 वर्षों में पहले मुख्यमंत्री होंगे जो विधायक भी होंगे.
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साल 1985 में नारायण दत्त तिवारी (Narayan Dutt Tiwari) मुख्यमंत्री रहते हुए लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बने थे. यदि भाजपा चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाती है, तीन दशक से ज्यादा समय बाद ऐसा होगा. यदि ऐसा होता है तो वह राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री होंगे, जो चुनाव के बाद दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाएंगे. इससे पहले सिर्फ चार मुख्यमंत्री 1957 में संपूर्णानंद, 1962 में चंद्रभानु गुप्ता, 1974 में हेमवती नंदन बहुगुणा और 1985 में नारायण दत्त तिवारी ही चुनाव के बाद सत्ता में वापसी कर पाए थे.
नोएडा का अंधविश्वास तोड़ेंगे योगी?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नोएडा को लेकर अंधविश्वास (Noida Jinx of UP CM’s) से घिरे रहे हैं. एक अंधविश्वास है कि जो भी व्यक्ति मुख्यमंत्री रहते हुए नोएडा आता है, कुछ ही समय बाद या तो उसकी कुर्सी चली जाती है या वह चुनाव हार जाता है. यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों का इतिहास देखें तो ज्यादातर मुख्यमंत्री या तो नोएडा आते ही नहीं हैं, या आते हैं तो कुछ ही समय बाद वह मुख्यमंत्री नहीं रहते. जिससे यह अंधविश्वास और भी मजबूत होता चला गया है. यह अंधविश्वास तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के साथ शुरू हुआ था. जून 1988 में नोएडा से लौटने के कुछ ही समय बाद उन्हें अपना मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था. उनके बाद एनडी तिवारी एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बने थेऔर नोएडा दौरे के बाद 1989 में उन्हें भी कुर्सी गंवानी पड़ी थी. इसके बाद के मुख्यमंत्रियों ने नोएडा आने से परहेज ही किया है. हालांकि, योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री रहते हुए कई बार नोएडा का दौरा कर चुके हैं. उनकी कुर्सी तो नहीं गई, अगर वह चुनाव जीतकर फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं तो करीब तीन दशक बाद नोएडा के जिंक्स को तोड़ने में कामयाब रहेंगे.
The Youngest Chief Minister Of UP
उत्तर प्रदेश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्रियों (Youngest CM of UP) की बात की जाए तो इस मामले में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बाजी मारी. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में जब समाजवादी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला तो अखिलेश यादव राज्य के 20वें मुख्यमंत्री बने. जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने उस समय उनकी उम्र 38 वर्ष थी. जबकि इससे पहले यह रिकॉर्ड बसपा सुप्रीमो मायावती के नाम था. साल 1995 में जब मायावती पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं, उस समय उनकी आयु 39 वर्ष थी. साल 2017 में प्रचंड बहुमत के बाद जब भाजपा ने योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी उस समय उनकी उम्र 44 वर्ष थी.
Uttar Pradesh Oldest Chief Minister
सबसे अधिक उम्र के मुख्यमंत्रियों (Oldest CM of UP)की बात करें तो उत्तर प्रदेश के सबसे अधिक उम्र के मुख्यमंत्री 77 साल के थे. राम प्रकाश गुप्ता ने साल 1999 में जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उस समय उनकी उम्र 77 वर्ष थी. सबसे अधिक उम्र के मुख्यमंत्रियों में बाबू बनारसी दास का नाम भी आता है. साल 1979 में जब वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने उस समय उनकी आयु 67 वर्ष थी. 1970 में त्रिभुवन नारायण सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने और उस वक्त उनकी उम्र 66 वर्ष थी. इस लिस्ट में चौथे सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री के दौर पर कमलापति त्रिपाठी का नाम दर्ज है. साल 1971 में जब वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने उस समय उनकी उम्र 66 वर्ष थी. पांचवें सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह थे, जो बाद में देश के प्रधानमंत्री भी बने. चौधरी चरण सिंह दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे, उन्होंने साल 1967 में जब पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली उस समय उनकी उम्र 65 वर्ष थी.
यूपी में राष्ट्रपति शासन कितनी बार लगा?
उत्तर प्रदेश के पिछले 70 वर्ष के चुनावी इतिहास में कई बार ऐसा अवसर भी आया जब राज्य में राष्ट्रपति शासन (President’s Rule History of UP) लगाना पड़ा. राज्य में अब तक कुल 9 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया है. राज्य में पहली बार फरवरी 1968 में राष्ट्रपति शासन लगाया गया जो अगले एक वर्ष तक रहा. इसके बाद दूसरी बार अक्टूबर 1970 में कुछ दिनों के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया गया. जून से नवंबर 1973 तक भी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. नवंबर 1975 से जनवरी 1976 तक भी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन रहा. अप्रैल 1977 से जून 1977 तक राज्य में एक बार फिर राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा. उत्तर प्रदेश में छठी बार राष्ट्रपति शासन फरवरी से जून 1980 तक लगाया गया. इसके बाद राम मंदिर आंदोलन के दौरान 6 दिसंबर 1992 से 4 दिसंबर 1994 तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया. अक्टूबर 1995 से मार्च 1997 तक कुल एक साल 154 दिन तक उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन रहा. यह राज्य में लगा अब तक का सबसे लंबा राष्ट्रपति शासन रहा. आखिरी यानी 9वीं बार राज्य में मार्च 2022 से मई 2022 तक राष्ट्रपति शासन रहा था.
क्रम संख्या | राष्ट्रपति शासन | कब से | कब तक |
1 | 9th | 8-मार्च-02 | 3-मई-02 |
2 | 8th | 18-अक्टूबर-95 | 21-मार्च-97 |
3 | 7th | 6-दिसंबर-92 | 4-दिसंबर-93 |
4 | 6th | 17-फरवरी-80 | 9-जून-80 |
5 | 5th | 30-अप्रैल-77 | 23-जून-77 |
6 | 4th | 30-नवंबर-75 | 21-जनवरी-76 |
7 | 3rd | 13-जून-73 | 8-नवंबर-73 |
8 | 2nd | 1-अक्टूबर-70 | 18-अक्टूबर-70 |
9 | 1st | 25-फरवरी-68 | 26-फरवरी-69 |
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्रियों की सूची और कार्यकाल
आजादी के बाद के उत्तर प्रदेश के चुनावी इतिहास की बात करें तो अब तक 36 मुख्यमंत्री शपथ ले चुके हैं. इनमें कई ने दो-तीन-चार बार भी शपथ ली है. कुल 21 व्यक्ति अब तक राज्य के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वालों में चंद्र भानु गुप्ता, मायावती और एनडी तिवारी हैं, जिन्होंने चार-चार बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. मुलायम सिंह यादव ने तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और कल्याण सिंह, हेमवती नंदन बहुगुणा, चौधरी चरण सिंह व संपूर्णानंद 2-2 बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे.
मुख्यमंत्री का नाम | कितनी बार शपथ ली |
चंद्र भानु गुप्ता | 4 बार |
मायावती | 4 बार |
एनडी तिवारी | 4 बार |
मुलायम सिंह यादव | 3 बार |
कल्याण सिंह | 2 बार |
हेमवती नंदन बहुगुणा | 2 बार |
चौधरी चरण सिंह | 2 बार |
संपूर्णानंद | 2 बार |
गोविंद बल्लभ पंत | 1937 से 1954 तक चार बार मुख्यमंत्री रहे, लेकिन आजादी भारत में 1952 में चुनावी इतिहास शुरू होने के बाद वह सिर्फ एक बार ही मुख्यमंत्री रहे |
ये है उत्तर प्रदेश के अब तक के मुख्यमंत्रियों की लिस्ट
क्रम संख्या | मुख्यमंत्री | कब से | कब तक | पार्टी |
1 | योगी आदित्यनाथ | 19-मार्च-17 | अभी तक | भाजपा |
2 | अखिलेश यादव | 15-मार्च-12 | 19-मार्च-17 | समाजवादी पार्टी |
3 | मायावती | 13-मई-07 | 15-मार्च-12 | बहुजन समाज पार्टी |
4 | मुलायम सिंह यादव | 29-अगस्त-03 | 13-मई-07 | समाजवादी पार्टी |
5 | मायावती | 3-मई-02 | 29-अगस्त-03 | बहुजन समाज पार्टी |
6 | राजनाथ सिंह | 28-अक्टूबर-00 | 8-मार्च-02 | भाजपा |
7 | राम प्रकाश गुप्ता | 12-नवंबर-99 | 28-अक्टूबर-00 | भाजपा |
8 | कल्याण सिंह | 21-सितंबर-97 | 12-नवंबर-99 | भाजपा |
9 | मायावती | 21-मार्च-97 | 21-सितंबर-97 | बहुजन समाज पार्टी |
10 | मायावती | 3-जून-95 | 18-अक्टूबर-95 | बहुजन समाज पार्टी |
11 | मुलायम सिंह यादव | 4-दिसंबर-93 | 3-जून-95 | समाजवादी पार्टी |
12 | कल्याण सिंह | 24-जून-91 | 6-दिसंबर-92 | भाजपा |
13 | मुलायम सिंह यादव | 5-दिसंबर-89 | 24-जून-91 | जनता दल |
14 | एन डी तिवारी | 25-जून-88 | 5-दिसंबर-89 | कांग्रेस |
15 | वीर बहादुर सिंह | 24-सितंबर-85 | 24-जून-88 | कांग्रेस |
16 | एन डी तिवारी | 11-मार्च-85 | 24-सितंबर-85 | कांग्रेस |
17 | एन डी तिवारी | 3-अगस्त-84 | 10-मार्च-85 | कांग्रेस |
18 | श्रीपति मिश्रा | 19-जुलाई-82 | 2-अगस्त-84 | कांग्रेस |
19 | वी. पी. सिंह | 9-जून-80 | 18-जुलाई-82 | कांग्रेस |
20 | बाबू बनारसी दास | 28-फरवरी-79 | 17-फरवरी-80 | जनता पार्टी |
21 | राम नरेश यादव | 23-जून-77 | 27-फरवरी-79 | जनता पार्टी |
22 | एन डी तिवारी | 21-जनवरी-76 | 30-अप्रैल-77 | कांग्रेस |
23 | हेमवती नंदन बहुगुणा | 5-मार्च-74 | 29-नवंबर-75 | कांग्रेस |
24 | हेमवती नंदन बहुगुणा | 8-नवंबर-73 | 4-मार्च-74 | कांग्रेस |
25 | कमलापति त्रिपाठी | 4-अप्रैल-71 | 12-जून-73 | कांग्रेस |
26 | त्रिभुवन नारायण सिंह | 18-अक्टूबर-70 | 3-अप्रैल-71 | कांग्रेस |
27 | चरण सिंह | 18-फरवरी-70 | 1-अक्टूबर-70 | भारतीय क्रांति दल |
28 | चंद्र भानु गुप्ता | 26-फरवरी-69 | 17-फरवरी-70 | कांग्रेस |
29 | चरण सिंह | 3-अप्रैल-67 | 25-फरवरी-68 | भारतीय क्रांति दल |
30 | चंद्र भानु गुप्ता | 14-मार्च-67 | 2-अप्रैल-67 | कांग्रेस |
31 | सुचेता कृपलानी | 2-अक्टूबर-63 | 13-मार्च-67 | कांग्रेस |
32 | चंद्र भानु गुप्ता | 14-मार्च-62 | 1-अक्टूबर-63 | कांग्रेस |
33 | चंद्र भानु गुप्ता | 7-दिसंबर-60 | 14-मार्च-62 | कांग्रेस |
34 | संपूर्णानंद | 10-अप्रैल-57 | 6-दिसंबर-60 | कांग्रेस |
35 | संपूर्णानंद | 28-दिसंबर-54 | 9-अप्रैल-57 | कांग्रेस |
36 | गोविंद बल्लभ पंत | 20-मई-52 | 27-दिसंबर-54 | कांग्रेस |
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