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EWS Reservation Verdict : आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को बराबरी का हक दिलवाने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है, लेकिन आरक्षण का लाभ केवल एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग के गरीब लोगों को ही दिया जाता है. इस बीच मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिए भी एक कानून बनाया है, जिसे EWS यानि इकोनॉमीकली वीकर सेक्संस के नाम से जाना जाता है. यह 10 जनवरी 2019 बनाया गया. जिसमें आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई. साल 2019 में किए गए इस संविधान संशोधन से जुड़ी हुई करीब 40 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं. इस संविधान संशोधन को कोर्ट में चुनौती दी गई और आज यानी 7 नवंबर 2022 को इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ-साफ कह दिया कि, देशभर में ईडब्ल्यूएस आरक्षण जारी रहेगा. चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय बेंच ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. 5 सदस्यीय बेंच में 3 जजों ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण के पक्ष में अपना मत दिया तो 2 ने विपक्ष में फैसला सुनाया. इस फैसले के अनुसार, सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में 10 प्रतिशत का आरक्षण बरकरार रहेगा. वीडियो में खबर के बारे विस्तार से जानें.
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