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Video: Tribute to CDS General Bipin Rawat; Stalwart सैन्य अधिकारी के सैन्य Career पर एक नज़र | Watch

दिसंबर में सेना में आए, दिसम्बर में दुनिया को अलविदा कहा. महान उपलब्धियों से भरा रहा General Bipin Rawat का Defense Career.

Updated: December 8, 2021 10:37 PM IST

By Devendra Tripathi | Edited by Video Desk

General Bipin Rawat proved his dedication, determination throughout his Defense career: गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में सेवा से शुरू हुआ उनका सैन्य सफर शानदार रहा. जिसमें उनके शौर्य, अदम्य साहस और वीरता के किस्से हैं. उनकी पहली पोस्टिंग मिजोरम में हुई जहां उन्होंने इस बटालियन का नेतृत्व किया. इस दौरान उनकी बटालियन उत्तर पूर्व की सर्वश्रेष्ठ बटालियन थी.

एक जाँबाज सैन्य अधिकारी बिपिन रावत! बिपिन रावत की सेना में एंट्री 16 दिसंबर 1978 को हुई. 31 दिसम्बर 2016 वह थल सेना अध्यक्ष बने और 31 दिसम्बर 2019 तक इस पद पर रहे. अगले दिन 1 जनवरी 2020 को Chief of Defense Staff बने. इस पद को सुशोभित करने वाले वह पहले अधिकारी हैं. 1978 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून से ग्रेजुएशन किया और यहां उन्होंने Sword of Honor हासिल किया. बिपिन रावत ने अमेरिका में वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली. (CDS Bipin Rawat Education)

गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में सेवा से शुरू हुआ उनका सैन्य सफर शानदार रहा. जिसमें उनके शौर्य, अदम्य साहस और वीरता के किस्से हैं. उनकी पहली पोस्टिंग मिजोरम में हुई जहां उन्होंने इस बटालियन का नेतृत्व किया. इस दौरान उनकी बटालियन उत्तर पूर्व की सर्वश्रेष्ठ बटालियन थी.

दुर्गम पहाड़ियों पर युद्ध और काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन में महारत (All about CDS Bipin Rawat)

इस महान सैन्य अधिकारी को ऊंची चोटियों की लड़ाई में महारत हासिल है. उन्होंने आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने में कई ऑपरेशन का नेतृत्व किया. बिपिन रावत को काउंटर इंसर्जेंसी का विशेषज्ञ माना जाता है. पूर्वोत्तर भारत में चीन से सटी LOC पर उन्होंने एक इंफैंट्री बटालियन को कमांड किया. कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और इंफैंट्री डिवीजन के वे कमांडिंग ऑफिसर रहे. कांगो में पीसकीपिंग फोर्स में भारतीय ब्रिगेड के चीफ रहे. मिलिट्री फोर्स के पुनर्गठन, पश्चिमी क्षेत्र में आतंकवाद और पूर्वोत्तर में जारी संघर्ष को उन्होंने करीब से देखा है.

43 साल लंबे सैन्य करियर में बिपिन रावत को उनकी वीरता के लिए कई सेवा मेडल और कई सम्मानों से सम्मानित जा चुका है. (CDS Bipin Rawat Career)

बिपिन रावत ने मद्रास विश्वविद्यालय से स्ट्रैटेजिक और डिफेंस स्टडीज में एम फिल किया. 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने उनको पीएचडी की उपाधि दी.

शून्य से शीर्ष तक के इस महान सैन्य अधिकारी की सफलता और उपलब्धियों भरे सफर का श्रेय उनकी multi-dimensional सोच को जाता है.

अपनी बौद्धिक कुशलता और अपने अनुभवों से हासिल किए सैन्य गुणों को देश के युवा सैन्य अधिकारियों से साझा करने में कभी पीछे नहीं रहे ताकि देश सुरक्षित रहे.

8 दिसम्बर 2021 को कोयंबटूर के पास सुलूर में भारतीय वायु सेना के अड्डे से पायलट ग्रुप-कैप्टन पीएस चौहान और स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप के साथ CDS बिपिन रावत ने अपनी पत्नी मधुलिका रावत संग उड़ान भरी थी. किसे पता था सुलूर से वेलिंगटन की यह उड़ान उनकी आखिरी उड़ान हो सकती है. वायु सेना के चौपर MI 17 V 5 में उनके साथ एक ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी समेत 14 लोग सवार थे. देश ने CDS रावत के साथ साथ सभी को खो दिया.

महान सैन्य अधिकारी बिपिन रावत सहित दुर्घटना में मारे गए सभी को हमारी श्रद्धांजलि.

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