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Corona ki Caller Hategi! कॉल से पहले आने वाली कोरोना कॉलर ट्यून से जल्द मिलेगी मुक्ति, जानें अपडेट

कोरोना वाली कॉलर ट्यून (Covid Caller Tune) से भी जल्द ही मुक्ति मिलने वाली है. बीमारी के बारे में जागरूकता के मकसद से शुरू किये गए कॉलर ट्यून को सरकार लगभग दो वर्षों के बाद हटाने पर विचार कर रही है.

Updated: March 28, 2022 8:25 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Parinay Kumar

Covid Caller Tune
Covid Caller Tune

Corona ki Caller Tune Ab Hategi: देश में कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद ज्यादातर पाबंदियों में ढील दी चुकी है. केंद्र सरकार ने भी निर्देश जारी कर देश भर में 31 मार्च से कोरोना से जुड़ी सभी पाबंदियों को हटाने को कहा है. इन सबके बीच कोरोना वाली कॉलर ट्यून (Covid Caller Tune) से भी जल्द ही मुक्ति मिलने वाली है. बीमारी के बारे में जागरूकता के मकसद से शुरू किये गए कॉलर ट्यून को सरकार लगभग दो वर्षों के बाद हटाने पर विचार कर रही है. सरकार को कई ऐसे आवेदन मिले हैं, जिसमें कहा गया है कि ये संदेश अपने उद्देश्य को पूरा कर चुके हैं और कई बार आपात स्थिति के दौरान महत्वपूर्ण कॉल में देरी होती है.

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आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार विभाग (DOT) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर कॉल पूर्व की इन घोषणाओं और कॉलर ट्यून को हटाने का अनुरोध किया है. उसने सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COA) के साथ-साथ मोबाइल ग्राहकों से प्राप्त आवेदनों का हवाला दिया है. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘स्वास्थ्य मंत्रालय अब देश में महामारी की स्थिति में सुधार के मद्देनजर इन ऑडियो क्लिप को हटाने पर विचार कर रहा है, जबकि महामारी के खिलाफ सुरक्षा उपायों के बारे में जन जागरूकता फैलाने के अन्य उपाय जारी रहेंगे.’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों के बाद दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को कॉल से पहले कोविड-19 संबंधी घोषणाओं और ‘कॉलर ट्यून’ को लागू करने के निर्देश डीओटी द्वारा जारी किए गए थे. दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) लोगों के बीच जागरूकता फैलाने और उन्हें महामारी के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और टीकाकरण के बारे में बताने के लिए कोरोना वायरस से संबंधित घोषणाएं और कॉलर ट्यून कॉल से पहले बजाते हैं.

DOT ने हाल में स्वास्थ्य मंत्रालय को आवेदनों का हवाला देते हुए लिखे एक पत्र में कहा, ‘लगभग 21 महीने बीतने के बाद, इन घोषणाओं ने नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य को पूरा किया है और अब इनकी कोई प्रासंगिकता नहीं है.’ पत्र में कहा गया, ‘नेटवर्क पर चलाए जा रहे संदेश के परिणामस्वरूप आपात स्थिति के दौरान महत्वपूर्ण कॉल को रोके रखने और विलंबित होने का जोखिम रहता है और कीमती बैंडविड्थ संसाधनों की खपत होती है. यह टीएसपी नेटवर्क पर बोझ बढ़ाता है और इससे कॉल कनेक्शन में देरी होती है.’

पत्र के मुताबिक, यह ग्राहक के अनुभव को भी प्रभावित करता है, क्योंकि आपात स्थिति में कई बार कॉल में देरी हो जाती है. टीएसपी से आरबीटी (रिंग बैक टोन) को निष्क्रिय करने का भी अनुरोध किया गया है.

(इनपुट: भाषा)

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