
रानियों से भी ज्यादा शान से जीती थीं जयललिता, 10 हजार से ज्यादा कपड़े-600 किलो चांदी, जानें उनके आवास में क्या-क्या मिला?
जयललिता जब तक जीवित थीं लोग उनकी लग्जरी लाइफ की बात करते थे, अब उनके घर से ऐसी हजारों चीजें मिली हैं जो साबित करती हैं कि वे किसी महारानी की तरह जीती थीं.

Jayalalitha Assets: जयललिता जब तक जीवित थीं लोग उनकी लग्जरी लाइफ की बात करते थे, अब उनके घर से ऐसी हजारों चीजें मिली हैं जो साबित करती हैं कि वे किसी महारानी की तरह जीती थीं.
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तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के यहां पोइस गार्डन स्थित आवास की चल-अचल संपत्ति की सूची में अन्य सामानों के अलावा करीब चार किलोग्राम सोना, 601 किलोग्राम चांदी, 8,300 से ज्यादा किताबें, 10,438 वस्त्र सामग्री और अन्य कपड़े तथा पूजा में इस्तेमाल होने वाले सामान मिले हैं.
दिसंबर 2016 में निधन से पहले अन्नाद्रमुक की दिवंगत सुप्रीमो तीन मंजिला इमारत ‘वेद निलयम’ में रहती थीं और राज्य सरकार ने 2017 में इस पॉश संपत्ति को स्मारक में तब्दील करने की घोषणा की थी.
राज्य सरकार इन चल-अचल संपत्तियों को पुरात्ची थलाइवा डॉ. जे जयललिता मेमोरियल फाउंडेशन को स्थानांतरित कर देगी जिसका गठन वेद निलयम को स्मारक में बदलने के इंतजाम के लिये किया जाएगा. इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी करेंगे.
राज्य सरकार द्वारा मई में जारी अध्यादेश के मुताबिक संपत्ति की सूची में जयललिता के बंगले के अंदर स्थित दो आम के, एक कटहल का और पांच नारियल व पांच केले के पेड़ भी शामिल हैं.
कुल चल संपत्तियों की संख्या 32,721 है. राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मई में अध्यादेश जारी किया था जिससे जयललिता के आवास पर अस्थायी कब्जा प्राप्त कर उसे स्मारक में बदला जा सके.
अध्यादेश में कहा गया कि वेद निलयम की इमारत में फर्नीचर, किताबें, गहने जैसी चल संपत्तियों को लेकर तीन साल से भी ज्यादा समय से चर्चा चल रही है.
राज्य सरकार ने इसलिये सभी चल और अचल संपत्तियों को इनके रख-रखाव के लिये सरकार को स्थानांतरित करने का फैसला किया, जब तक कि इनके अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती.
इससे पहले राज्य सरकार ने 25 जुलाई को वेद निलयम को अधिग्रहित करने के लिये शहर की सिविल अदालत में 67.9 करोड़ रुपये की रकम जमा कराई. इस रकम में से 36.9 करोड़ रुपयों से आयकर और संपत्ति कर का बकाया चुकाया जाएगा. ये राशि जयललिता को कथित रूप से आयकर विभाग को देनी थी.
(एजेंसी से इनपुट)
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