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Maa Ki Bagiya: भोपाल में 'मां की बगिया' से बच्चों की थाली में आईं सब्जियां

राजधानी के विद्यालयों में 'मां की बगिया' में अवधारणा के अनुरूप हरी सब्जियों की बहार है.

Updated: January 29, 2021 4:19 PM IST

By India.com Hindi News Desk

Maa Ki Bagiya: भोपाल में 'मां की बगिया' से बच्चों की थाली में आईं सब्जियां
मां की बगिया

Maa Ki Bagiya: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक स्कूल परिसर में बनाई गई ‘मां की बगिया’ ने बच्चों की थाली की तस्वीर ही बदल दी है. अब बच्चों को घर में ही दाल के साथ सब्जियां भी खाने को मिल रही हैं.

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राजधानी के विद्यालयों में ‘मां की बगिया’ में अवधारणा के अनुरूप हरी सब्जियों की बहार है. बगिया में पत्ता गोभी, बैंगन, टमाटर, गोभी, मेथी, धनिया और नींबू से थाली सजने लगी है.

सिकंदराबाद माध्यमिक शाला में लगाई गई मां की बगिया में सब्जियों की बहार बनी हुई है और अभी भी वहां पत्ता गोभी, बैगन, टमाटर, नींबू, धनिया, मिर्ची आदि लगी हुई है, स्कूलों में बच्चे तो नहीं आ रहे, किंतु सब्जियां आज भी बच्चों का इंतजार कर रही हैं. इन सब्जियों को बच्चे के घर पहुंचाया जा रहा है.

स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि यह फसल बच्चों को उपयोग के लिए दी जा रही है. यह सब्जियां बच्चों के घरों तक भेजी जा रही हैं. बच्चे बताते हैं कि पहले घर में या तो दाल बनती थी या सब्जी किंतु अब दाल और सब्जी दोनों एक साथ भी बन जाती है.

सरपंच ममता अहिरवार और उनके पति सुदामा ने बताया कि, “मां की बगिया’ की प्रेरणा ग्राम पंचायत सिकंदराबाद से ही पूरे प्रदेश में गई है. इसको अब बड़े स्तर पर लागू किया जाएगा. स्कूल परिसर में खाली पड़े 10 हजार स्क्वायर फीट के भूखंड पर खर्च करके मां की बगिया को और बेहतर तरीके से बनाएंगे. खुद मिटटी डलवाकर खेत तैयार करेंगे. ‘जल नल जल’ योजना का कनेक्शन भी स्कूल में देंगे, जिससे अब बच्चों को और बेहतर सब्जियां मिल सकेंगी.”

उन्होंने बताया कि, “गर्मी की सब्जी भिंडी ,करेला, लौकी, गिलकी और पालक विशेष रूप से लगाएंगे, इस बगिया में अधिक से अधिक बच्चों को सब्जी उपयोग करने को मिल सकेगी. वर्तमान में विद्यालय में 120 बच्चे हैं. उसके अनुसार ही मां की बगिया का स्वरूप बड़ा किया जाएगा और सब्जी लगाने की मात्रा भी बढ़ाई जाएगी.

सरपंच ममता कहती हैं कि, “ग्रामीणों के इस तरह के नवाचारों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. सुधार की गुंजाइश तो हमेशा बनी रहती है और यदि कुछ सलाह और सुझाव मिले तो ऐसे कार्यों को पूरा समाज अपनाएगा. विद्यार्थियों और उनके परिवारों द्वारा दिए गए समर्थन से अब मां की बगिया और भी हरी-भरी होगी.”
(एजेंसी से इनपुट)

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Published Date: January 29, 2021 4:01 PM IST

Updated Date: January 29, 2021 4:19 PM IST