
कोलकाता की जेल में बंद 10 राजनीतिक कैदी भूख हड़ताल पर, जानिए आखिर क्या है मुद्दा
आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कोलकाता की एक जेल में बंद 10 राजनीतिक कैदी अनशन पर बैठ गए हैं.

कृषि कानूनों को हटाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कोलकाता की एक जेल में बंद 10 राजनीतिक कैदी अनशन पर बैठ गए हैं. जेल से जारी बयान में प्रदर्शनकारियों ने नये कानूनों को किसान विरोधी करार दिया और आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना की परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए इन कानूनों को पारित किया है.
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इसके माध्यम से केंद्र सरकार के उस दावे की भी आलोचना की गयी है, जिसमें नये कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताया गया है. राज्य कारागार विभाग के सूत्रों ने बताया कि इसी मुद्दे को लेकर किसानों के समर्थन में सोमवार से मुर्शिदाबाद जिले की बरहमपुर जेल में बंद 8 अन्य राजनीतिक कैदी भी भूख हड़ताल की शुरुआत करेंगे.
इन राजनीतिक कैदियों का किस पार्टी से संबंध से इस बारे में अभी तक कोई खुलासा नहीं किया गया है. उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और प्रदेश की मख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है. दूसरी तरफ, केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस एवं वामदलों की यह कहकर आलोचना कर रहे हैं कि बंगाल के किसानों को केंद्र सरकार की पीएम किसान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. इसके लिए राज्य के किसानों के हित में कोई आवाज नहीं उठा रहा.
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