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शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने मंत्री पद से हटा दिया है. पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें आज यानी गुरुवार 28 जुलाई से ही मंत्रालय के कार्यों से मुक्त कर दिया है. बता दें कि पार्था चटर्जी को SSC रिक्रूटमेंट स्कैम मामले में पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था. पहले से ही माना जा रहा था कि पार्था चटर्जी की ममता बनर्जी कैबिनेट से जल्द ही छुट्टी हो सकती है.
पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से हटाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान आया है. ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैंने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया है. मेरी पार्टी कठोर कार्रवाई करती है. इसके पीछे कई योजनाएं हैं, लेकिन मैं विवरण में नहीं जाना चाहती.’
पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख का कहनाहै कि पार्थ चटर्जी को बलि का बकरा बनाने के लिए बर्खास्त किया गया है. पहले तो वे कह रहे थे कि वह इस घोटाले में शामिल नहीं है और अब उसे बर्खास्त कर दिया. यह फैसला पांच बजे की बैठक में लिया जाने वाला था, अभिषेक बनर्जी इसका श्रेय लेना चाहते थे. लेकिन जनता का गुस्सा देखकर उन्हें यह फैसला जल्दबाजी में लेना पड़ा
पार्थ चटर्जी पिछले सप्ताह उस समय अचानक सभी की नजरों में आ गए, जबकि उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के दो ठिकानों से कैश और ज्वैलरी के रूप में अकूत दौलत जब्त की गई. इसके बाद से तृणमूल कांग्रेस (TMC) के शीर्ष नेताओं ने शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी पार्थ चटर्जी से दूरी बना ली थी. इस मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सोमवार 25 जुलाई को स्पष्ट किया था कि घोटाले का जिम्मेदारी पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के ऊपर है.
गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अर्पिता मुखर्जी के एक और फ्लैट से कल यानी बुधवार 27 जुलाई को भारी मात्रा में नकदी मिली. हालांकि, कितनी राशि ईडी के हाथ लगी है, इसका अभी तक पूरी तरह से खुलासा नहीं हुआ है. पार्थ चटर्जी को ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया है, पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी ईडी ने 23 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था.
अर्पिता के दक्षिण कोलकाता स्थित फ्लैट से पिछले सप्ताह 21 करोड़ रुपये की नकदी मिली थी. अधिकारी ने बताया कि इस बार उत्तर कोलकाता के बेलघरिया स्थित फ्लैट से नकदी बरामद की गई है. जिसकी मालकिन अर्पिता मुखर्जी हैं. अधिकारी ने कहा कि बेलघरिया के रथाला इलाके में अर्पिता के दो फ्लैटों को ताला तोड़कर खोला गया, क्योंकि उनकी चाबी नहीं मिल पा रही थी.
ममता बनर्जी ने उसी समय कहा था, ‘भ्रष्टाचार का समर्थन करना न तो मेरा जुनून है और न ही मेरी आदत. मैं यह नहीं कह सकती कि हर कोई निर्दोष है. मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहती हूं कि एक महिला के आवास से बरामद धन का तृणमूल या राज्य सरकार से कोई संबंध नहीं है.’ यही नहीं ममता बनर्जी ने कहा, ‘अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे आजीवन कारावास की सजा दी जाए. लेकिन जिस तरह से मेरा नाम नकदी की वसूली के मामले में घसीटा जा रहा है, उससे मैं दुखी हूं. मैं इस तरह के झूठे प्रचार को और बर्दास्त नहीं करूंगी.’
इस दौरान मुख्यमंत्री ने एक वायरल वीडियो का भी जिक्र किया, जिसमें उन्हें दुर्गा पूजा के उद्घाटन समारोह के दौरान अर्पिता मुखर्जी के साथ मंच साझा करते हुए देखा जा सकता है. इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं कई पूजाओं के उद्घाटन के लिए जाती हूं. मुझे कैसे पता चलेगा कि आयोजकों ने किसे आमंत्रित किया है? मुझे कैसे पता चलेगा कि वह पार्थ की दोस्त थी? मैं अपने पार्टी के लोगों को भी नहीं बख्शती अगर वे गलती करते हैं. दोषी पाए जाने पर मैं अपने मंत्री को भी नहीं बख्शूंगी.’
गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की अनुशंसा पर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘ग’ और ‘घ’ वर्ग के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितता की जांच कर रही है. ईडी घोटाले में धनशोधन के एंगल से जांच कर रही है. ज्ञात हो कि यह कथित घोटाला उस समय हुआ, जब पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षामंत्री थे.
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