
भतीजे अभिषेक और उनकी पत्नी रुजिरा को ED ने भेजा समन तो BJP पर भड़कीं ममता बनर्जी, कही यह बात...
BJP पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने सत्तारूढ़ पार्टी पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य में कथित कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एवं सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) और उनकी पत्नी को समन जारी किया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. अभिषेक बनर्जी (33) लोकसभा में डायमंड हार्बर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं. उन्हें मामले के जांच अधिकारी के समक्ष यहां 6 सितंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया गया है. वहीं, उनकी पत्नी रुजिरा को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इसी तरह का समन भेजकर 1 सितंबर को पेश होने को कहा गया है.
Also Read:
उधर, मामले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. BJP पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने सत्तारूढ़ पार्टी पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया. ममता बनर्जी ने कहा, ‘आप हमारे खिलाफ ईडी को क्यों लगा रहे हैं? आपके एक मामले के खिलाफ हम लड़ाई लड़ेंगे. हम जानते हैं कि कैसे लड़ना है? हम गुजरात के इतिहास को जानते हैं.’ उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ पा रही तो उसने केंद्रीय एजेंसियों का सहारा ले लिया है.
बता दें कि रुजिरा से इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) भी पहले पूछताछ कर चुका है. अधिकारियों ने बताया कि अभिषेक बनर्जी से जुड़े एक वकील और कुछ भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों को भी अगले महीने अलग-अलग तारीखों पर पेश होने के लिए समन जारी किया गया है.
निदेशालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की नवंबर, 2020 की एक प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत यह मामला दर्ज किया था. CBI की प्राथमिकी में आसनसोल और उसके आसपास कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाकों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला चोरी घोटाले का आरोप लगाया गया है.
इस मामले में अनूप माझी उर्फ लाला मुख्य संदिग्ध है. ईडी ने पहले दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी इस अवैध व्यापार से प्राप्त धन के लाभार्थी हैं, लेकिन उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया है. एजेंसी ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक व्यक्ति तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई के नेता विनय मिश्रा का भाई विकास मिश्रा है.
ऐसा बताया जा रहा है कि विनय मिश्रा कुछ समय पहले देश से बाहर चला गया और उसने संभवत: देश की नागरिकता भी त्याग दी है. इसके अलावा इस मामले में निदेशालय ने बांकुड़ा थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा को इस साल की शुरुआत में गिरफ्तार किया था.
ईडी ने दावा किया है कि मिश्रा बंधुओं ने इस मामले में ‘कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों की ओर से और खुद के लिए 730 करोड़ रुपये की राशि’ प्राप्त की. इस मामले में अनुमानित 1,352 करोड़ रुपये शामिल थे. निदेशालय ने इस मामले में इस साल मई में आरोप पत्र दाखिल किया था.
(इनपुट: भाषा)
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें देश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें