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'जागो बांग्ला' में TMC ने कहा- कांग्रेस की ताकत 'खत्म', BJP से लड़ने को ममता बनर्जी ही विपक्ष का चेहरा
कांग्रेस (Congress) से चल रही जुबानी जंग के बीच TMC ने एक बार फिर कहा है कि कांग्रेस की ताकत ख़त्म हो चुकी है और अब ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं. विपक्ष भी ऐसा ही चाहता है.
कोलकाता: कांग्रेस (Congress) से चल रही जुबानी जंग के बीच TMC ने एक बार फिर कहा है कि कांग्रेस की ताकत ख़त्म हो चुकी है और अब ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं. विपक्ष भी ऐसा ही चाहता है. पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सत्तारूढ़ दल ने देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस ‘‘डीप फ्रीजर’’ में चली गई है क्योंकि विपक्षी ताकतें खालीपन को भरने के लिए अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर देख रही हैं. तृणमूल के बयानों को महत्व देने से इनकार करते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने कहा कि इसका अनुमान लगाना “जल्दबाजी” होगी कि वैकल्पिक चेहरे के रूप में कौन उभरेगा.
कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं को अपने पाले में ला रही टीएमसी ने अपने मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ में कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. कांग्रेस के खिलाफ प्रशांत किशोर के ताजा ट्वीट का जिक्र करते हुए आलेख में कहा गया है कि सिर्फ चुनाव रणनीतिकार ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के नेता भी पार्टी नेतृत्व की आलोचना कर रहे हैं.
‘डीप फ्रीजर में कांग्रेस’ शीर्षक वाले आलेख में कहा गया है, “टीएमसी लंबे समय से यह कह रही है कि कांग्रेस एक समाप्त हो चुकी ताकत है. उसमें भाजपा से लड़ने का जज्बा नहीं है. पार्टी अंदरूनी कलह से इस कदर उलझी हुई है कि उसके पास विपक्ष को संगठित करने के लिए समय या ऊर्जा नहीं बची है. संप्रग (UPA) का अस्तित्व नहीं रह गया है.” इसमें कहा गया है, “देश को फिलहाल एक वैकल्पिक मोर्चे की जरूरत है और विपक्षी दलों ने वह जिम्मेदारी ममता बनर्जी को दी है. खालीपन को भरने के लिए वे उनकी ओर देख रहे हैं. वह वर्तमान में देश में विपक्ष का सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं.” किशोर ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए ट्विटर पर कहा था कि कांग्रेस का नेतृत्व किसी व्यक्ति का ‘‘नैसर्गिक अधिकार’’ नहीं है, खासकर जब पार्टी ‘‘पिछले 10 वर्षों में 90 प्रतिशत से अधिक चुनाव हार चुकी है.”
ममता बनर्जी ने हाल में अपनी मुंबई यात्रा के दौरान कहा था कि “संप्रग का अब कोई अस्तित्व नहीं है.” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि विपक्ष मोर्चे के सहयोगी दलों को एकमत से यह निर्णय करना है कि उनका नेता कौन होगा. उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि तृणमूल की, भाजपा की बजाय कांग्रेस से लड़ने में अधिक रुचि है. कांग्रेस को अपना नेतृत्व थोपने की जरूरत नहीं है क्योंकि जिस पार्टी की सबसे ज्यादा सीटें होती हैं वह स्वाभाविक रूप से नेतृत्व करती है. तृणमूल एक क्षेत्रीय दल है और और उसने कांग्रेस को नीचा दिखाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया है.”
भट्टाचार्य ने कहा कि इतिहास में देखा गया है कि जब कोई राजनीतिक गठबंधन होता है तो सहयोगी दल एकमत से फैसला लेते हैं कि गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा. कांग्रेस नेता की इस टिप्पणी पर तृणमूल के महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात कभी नहीं की. भारतीय जनता पार्टी के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सुकान्त मजूमदार ने कांग्रेस और तृणमूल के दावों पर कटाक्ष किया.
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