
West Bengal Election: बंगाल में एक दर्जन से अधिक नेताओं को दी गई ‘X’ और ‘Y’ श्रेणी की सुरक्षा, TMC छोड़ने वाले नेताओं के नाम भी शामिल
सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सीआईएसएफ को सौंपा गया है.

west bengal election: पश्चिम बंगाल में एक दर्जन से अधिक विधायकों और सांसदों को केंद्र की ओर से वीआईपी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है. इनमें वे नेता भी शामिल हैं जो हाल में तृणमूल कांग्रेस और अन्य दलों से भाजपा में शामिल हुए हैं.
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अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘‘खतरा आकलन’’ रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश पर यह सुरक्षा उपलब्ध कराई है. उन्होंने कहा कि संबंधित सभी नेताओं को बंगाल के भीतर आवागमन के दौरान केंद्र की ओर से ‘एक्स’ और ‘वाई’ श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है.
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंपा गया है. सीआईएसएफ के पास अति विशिष्ट लोगों (वीआईपी) को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल तथा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसी हस्तियों को सुरक्षा उपलब्ध कराता है.
सूत्रों ने बताया कि बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नेताओं को उपलब्ध कराए गए सुरक्षा प्रबंध अस्थायी हैं तथा चुनावी गतिविधियां पूरी हो जाने पर सुरक्षा कवर की समीक्षा की जाएगी. पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अप्रैल-मई में चुनाव होना है.
बंगाल में जिन नेताओं को सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है, उनमें माकपा विधायक अशोक डिंडा, तृणमूल कांग्रेस विधायक बांसरी मैती, कांग्रेस विधायक सुदीप मुखर्जी, तृणमूल विधायक दीपाली बिस्वास, तृणमूल विधायक बैशाली डालमिया, तृणमूल विधायक सैकत पांजा, माकपा विधायक तापसी मंडल, तृणमूल विधायक बिस्वजीत कुंडू और तृणमूल विधायक शैलभद्र दत्ता शामिल हैं.
बिस्वास ने 2016 में माकपा के टिकट पर गजोले सीट से जीत हासिल की थी लेकिन 2018 में वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गईं. हालांकि, उन्होंने माकपा विधायक के रूप में इस्तीफा नहीं दिया है. ये सभी विधायक हाल में तृणमूल कांग्रेस या माकपा या कांग्रेस छोड़ चुके हैं और इनमें से अधिकतर भाजपा में शामिल हो गए हैं.
सूत्रों ने बताया कि भाजपा के लोकसभा सदस्य कुनार हेम्ब्राम (झाड़ग्राम), सुभास सरकार (बांकुड़ा) और जगन्नाथ सरकार (राणाघाट) तथा पार्टी नेता एवं प्रदेश समिति के सदस्य कृष्णेन्दु मुखर्जी को भी केंद्रीय सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने कहा कि सांसदों और मुखर्जी को खतरे का आकलन करने के बाद केंद्रीय वीआईपी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है.
(इनपुट भाषा)
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