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अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदार हैं ये पहली हिंदू सांसद, 2 फरवरी से करेंगी चुनाव प्रचार का आगाज

गबार्ड भारत-अमेरिका संबंधों की समर्थक रही हैं, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी समर्थक हैं, उन्होंने पाकिस्तान को अमेरिका की आर्थिक मदद में कटौती की वकालत भी की थी

Published: January 27, 2019 11:09 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Roopam Singh

अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदार हैं ये पहली हिंदू सांसद, 2 फरवरी से करेंगी चुनाव प्रचार का आगाज
तुलसी गबार्ड

वाशिंगटन: अमेरिका में 2020 में राष्ट्रपति चुनाव में हिंदू सांसद तुलसी गेबार्ड अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं. राष्ट्रपति चुनाव के लिए पहली हिंदू महिला कांग्रेस सदस्य तुलसी गबार्ड 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए औपचारिक रूप से दो फरवरी से हवाई प्रांत से अपना चुनावी अभियान शुरू करने जा रही हैं. उन्होंने ट्वीट कर लोगों से अपील की है उनके अभियान में उनके साथ जुड़ने के लिए. गबार्ड भारतवंशी नहीं हैं, लेकिन वह हवाई के हिंदू परिवार से आती हैं. वह ओआहू की रैली का उपयोग मित्रों, परिवारों और समर्थकों को इकट्ठा करने और उनके साथ देश के भविष्य के लिए अपना नजरिया साझा करने के लिए करेंगी.

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37 वर्षीया डेमोक्रेट कांग्रेस महिला सदस्य ने सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार के दौरान इसी महीने घोषणा की थी कि वह आगामी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल होने जा रही हैं. वह चार बार कांग्रेस सदस्य रही हैं. अखबार ‘हिल’ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने गुरुवार को अपना पहला विज्ञापन जारी किया जिसमें अपनी सैन्य सेवा को प्रमुखता से दर्शाया है. कई न्यूज रिपोर्टों के मुताबिक, भारतीय मूल की अमेरिकी कमला हैरिस (54) भी अगले सप्ताह डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर सकती हैं. ऐसी अटकलें भी हैं कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी स्थाई प्रतिनिधि का पद छोड़ चुकी निकी हेली भी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से इस दौड़ में शामिल होने की मंशा रखती हैं.

पीएम मोदी और भारत की हैं समर्थक

बता दें कि तुलसी गबार्ड ने आर्मी नेशनल गार्ड में 15 साल तक अपनी सेवा दी है. दो बार उनकी तैनाती मध्य-पूर्व के देशों में हुई और कांग्रेस के लिए चुनी जाने वाली वह अब तक की पहली अनुभवी महिला जांबाज हैं. राजनीति में आने से पहले गेबार्ड अमेरिकी सेना की ओर से 12 महीने के लिए इराक में तैनात रह चुकी हैं. सैन्य पृष्ठभूमि होने के बावजूद गेबार्ड ने सीरिया में अमेरिका की दखल का विरोध किया है. सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद से उनकी मुलाकात को लेकर उन्हें खासी आलोचना भी सहनी पड़ी. गबार्ड भारत-अमेरिका संबंधों की समर्थक रही हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी समर्थक हैं. उन्होंने पाकिस्तान को अमेरिका की आर्थिक मदद में कटौती की वकालत भी की थी.

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