
बांग्लादेश में हिंदुओं ने मस्जिद के तो मुस्लिमों ने श्मशान के लिए दान की अपनी ज़मीन, पेश की मिसाल
बांग्लादेश में हिंदुओं और मुस्लिमों ने एक दूसरे को अपनी ज़मीनें दान कर मिसाल पेश की है.

ढाका: बांग्लादेश के खुलना डिविजन में अलग-अलग धर्मों के दो लोग-एक हिंदू और एक मुस्लिम, एक-दूसरे के धर्म के प्रति दान के माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव की सीख दे रहे हैं. बागेरहाट जिले में स्थित फकीरहाट अजहर अली डिग्री कॉलेज के सहायक प्रोफेसर प्रणब कुमार घोष ने मस्जिद के निर्माण के लिए अपनी ज़मीन दान में दी. वहीं, स्थानीय नेता शेख मिज़ानुर रहमान ने अपनी जमीन का एक टुकड़ा हिंदुओं के इलाके में श्मशान बनवाने के लिए दान में दे दिया.
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फकीरहाट के एक ज़मींदार घोष ने स्थानीय लोगों की ओर की गई मदद की गुहार के बाद मस्जिद निर्माण के लिए ज़मीन दान की, क्योंकि इलाके में कोई मस्जिद नहीं थी. मस्जिद के एक अधिकारी गौस शेख ने बताया कि घोष ने ‘हमें न केवल जमीन दी’, बल्कि मस्जिद में आमंत्रित किए जाने पर हमारे साथ बैठकर खाना भी खाया. इस बीच शेख मिज़ानुर रहमान, जिनके पास भैरब नदी के तट पर सनातन धर्म श्मशान के बगल में ज़मीन थी, ने एक नया श्मशान घाट बनाने के लिए अपनी ज़मीन दान कर दी क्योंकि पुराना श्मशान नदी में बह गया था.
फकीरहाट यूनियन काउंसिल के पूर्व उपाध्यक्ष मिज़ानुर ने कहा कि वह इस विचार से बहुत आहत हुए कि एक समुदाय के पास अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए कोई ज़मीन नहीं है. उन्होंने कहा कि ‘हिंदू और मुस्लिम सहित विभिन्न समुदायों के लोग यहां रहते हैं. जब केंद्रीय श्मशान घाट नदी में बह गया तो हिंदुओं के पास परिजनों के अंतिम संस्कार करने में समस्या आ रही थी. मेरे पास श्मशान के पास में ज़मीन थी. जब स्थानीय हिंदुओं ने यह मांगी तो मैंने उन्हें दे दी.’
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