
ड्रैगन की चाल के बीच बांग्लादेश ने भारत को चटगांव बंदरगाह के इस्तेमाल के लिए पेशकश की
एक तरफ ड्रैगन हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में लगातार अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है, तो दूसरी तरफ भारत भी बांग्लादेश को अपनी ओर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा. ऐसी ही एक कोशिश के तहत विदेश मंत्री एस जयशंकर बांग्लादेश की यात्रा पर गए. अपनी इस छोटी सी यात्रा के दौरान उन्होंहने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की और दोनों के बीच गजब का सामंजस्य देखने को मिला.

ढाका : ड्रैगन भारत के पड़ोसी देशों में अपनी उपस्थिति मजबूत करके भारत को घेरने की लगातार कोशिशें कर रहा है. चीन के झांसे में आकर आज श्रीलंका बर्बाद हो चुका है. यही बात भारत (India) के अन्य पड़ोसियों को भी समझ आनी चाहिए कि चीन (China) का कर्ज, जी का जंजाब बन जाता है. इधर भारत भी पड़ोसियों को ड्रैगन के फंदे से बचाने की कोशिशें कर रहा है. ऐसी ही कोशिश के तहत विदेश मंत्री एस. जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishanka) ने बांग्लादेश (Bangladesh) की संक्षिप्त यात्रा की. अपनी इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) से मुलाकात की.
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इस मुलाकात के दौरान दोनों पड़ोसियों के बीच संपर्क बढ़ाने पर सहमति बनी. बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड को अपने देश के मुख्य बंदरगाह (चटगांव बंदरगाह) के इस्तेमाल की पेशकश की. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शेख हसीना को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से दिल्ली आने का निमंत्रण भी दिया.
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री शेख हसीना को उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत शुभकामनाएं दीं. दोनों नेताओं के मार्गदर्शन में हमारे द्विपक्षीय संबंध मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं.’ बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि दोनों देशों को संपर्क को और बढ़ाना होगा.
बांग्लादेशी प्रधानमंत्री के प्रेस सचिव एहसानुल करीम ने कहा कि उन्होंने जयशंकर से कहा कि परस्पर लाभ के लिए संपर्क बढ़ाने की जरूरत है, जबकि इससे बांग्लादेश के दक्षिणपूर्वी चटगांव बंदरगाह का उपयोग करने में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को विशेष रूप से फायदा होगा. उन्होंने कहा, ‘यदि संपर्क बढ़ाया जाता है, तो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों – जैसे असम और त्रिपुरा- को चट्टोग्राम में बंदरगाह तक पहुंच प्राप्त हो सकती है.’
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि बांग्लादेश और भारत के बीच सीमा पार मार्गों को फिर से शुरू करने के लिए पहल की गई थी, जिन्हें 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान बंद कर दिया गया था, जब बांग्लादेश पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा था. करीम ने कहा कि प्रधानमंत्री हसीना की जयशंकर के साथ आधे घंटे से अधिक लंबी बैठक के दौरान कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. जयशंकर ने बाद में अपने बांग्लादेशी समकक्ष एके अब्दुल मोमेन के साथ बातचीत की और फिर संयुक्त रूप से मीडिया को जानकारी दी.
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘डॉ. मोमेन और डॉ. एस जयशंकर ने बांग्लादेश और भारत के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने चल रहे बांग्लादेश-भारत सहयोग के बारे में संतोष व्यक्त किया, द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प जताया, समग्र रूप से सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर दिया.’
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री हसीना के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी सुविधा के समय भारत आने का निमंत्रण दिया. उन्होंने कहा, ‘मैंने (उन्हें) बताया कि हम उनकी सुविधा के अनुसार भारत की उनकी यात्रा के लिए तत्पर हैं.’ उन्होंने कहा, बांग्लादेशी प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ तर्कसंगत और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई. जयशंकर शुक्रवार सुबह ढाका से भूटान के लिए रवाना हो गए.
(इनपुट – पीटीआई)
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