
यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों- छात्रों के लिए एडवाइजरी, रोमानिया और हंगरी बॉर्डर के रूट से निकालने की तैयारी
भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की, भारत सरकार रोमानिया और हंगरी से निकासी मार्ग स्थापित करने के लिए काम कर रही

Indian Embassy: भारतीय दूतावास (Indian Embassy) ने यूक्रेन पर रूस के हमले में फंसे हजारों भारतीय स्टूडेंट्स और नागरिकों के लिए आज शुक्रवार यानि 25 फरवरी 2022 को एक एडवाइजरी जारी की है. यूक्रेन में भारतीय दूतावास के मुताबिक, यूक्रेन में भारत के दूतावास ने यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की, भारत सरकार रोमानिया और हंगरी से निकासी मार्ग स्थापित करने के लिए काम कर रही है. इन चेक प्वाइंट्स पर टीम पहुंच रही हैं.
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MEA ने भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए हंगरी, पोलैंड, स्लोवाक गणराज्य और रोमानिया में 4 स्थान स्थापित किए हैं.
एडवाइजरी में कहा गया है कि भारतीय नागरिक और स्टूडेंट्स चोप-जाहोनी (Chop-ZAHONEY) हंगरी बॉर्डर, नियर उजहोरोड (Uzhhorod) पोरबने-सीरेट रोमानियन बॉर्डर के चेर्निवत्सी में पहुंचे. स्टूडेंट्स को स्टूडेंट्स कॉन्ट्रैक्टर्स से संपर्क में रहने और चलने को तैयार रहना है.
Embassy of India in Ukraine issues advisory to all Indian nationals/students in Ukraine – Govt of India is working to establish evacuation routes from Romania and Hungary pic.twitter.com/MUWwh8wTLG
— ANI (@ANI) February 25, 2022
भारतीय दूतावास की जारी एडवाइजरी में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं, जिनमें कहा गया है –
– पासपोर्ट अपने साथ रखें, कैश यूएस डॉलर में किसी आपात स्थिति में उपयोग के लिए रखें
– कोविड का डबल डोज लेने का वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट रखें यदि उपलब्ध है.
– विशेषतौर पर इंडियन फ्लैग प्रिंट आउट कर लें और स्थाई रूप से अपने यात्रा करते समय वाहनों- बसों पर चिपका निकलें.
बता दें कि भारत के करीब 20000 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए और रूसी सेना के हो रहे हमलों के बीच वहां भारी मुसीबतों का सामना कर रहे हैं.
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है विदेश मंत्रालय की गठित टीम से समन्यव स्थापित करते हुए ऑर्गनाइज्ड तरीके से बॉर्डर की ओर बढ़े. वहां चेक प्वाइंट्स
गुजरात के करीब 2500 छात्र यूक्रेन में फंसे : शिक्षा मंत्री वाघानी
रूस के सैन्य अभियान के बीच गुजरात के करीब 2,500 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वाघानी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. जीतू वाघानी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल यूक्रेन में फंसे हुए राज्य के छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार के लगातार संपर्क में हैं. विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर निष्क्रिय होने और छात्रों तथा अन्य भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने में देरी करने का आरोप लगाया. हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा है कि केंद्र सरकार गुजरात के छात्रों सहित अन्य भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
बंगाल सरकार ने यूक्रेन में फंसे राज्य के लोगों की मदद के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया
पश्चिम बंगाल सरकार ने युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे राज्य के विद्यार्थियों एवं लोगों की मदद के लिए शुक्रवार को कोलकाता में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया. राज्य सूचना एवं संस्कृति मामले विभाग की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया है कि यह नियंत्रण कक्ष सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक खुला रहेगा. नोटिस में कहा गया है, ‘‘यूक्रेन में फंसे हुए पश्चिम बंगाल के विद्यार्थियों एवं लोगों की मदद के लिए यह नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका नेतृत्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी करेंगे और राज्य लोक सेवा अधिकारी इसका कामकाज देखेंगे. नोटिस के अनुसार वहां फंसे लोगों के परिवार अधिकारियों से 2214-3526 और 1070 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं. एक अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन में फंसे पश्चिम बंगाल के विद्यार्थियों की कुल संख्या का आकलन किया जा रहा है.
तमिलनाडु सरकार यूक्रेन से छात्रों की वापसी का खर्च उठाएगी : मुख्यमंत्री स्टालिन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने घोषणा की है कि युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे प्रदेश के विद्यार्थियों को वापस लाने पर आने वाला पूरा यात्रा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. यूक्रेन गत 24 फरवरी से रूसी आक्रमण का सामना कर रहा है. शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में फंसे नागरिकों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए राज्य सरकार द्वारा नई दिल्ली के अलावा राज्य और जिला स्तर पर नियुक्त अधिकारियों से अब तक 916 विद्यार्थियों और प्रवासी नागरिकों ने सम्पर्क किया है. बयान में कहा गया है, इन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने घोषणा की है कि तमिलनाडु के छात्रों की सुरक्षित स्वदेश वापसी पर आने वाला पूरा यात्रा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. बयान में आगे कहा गया है कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए रिहैबिलेशन एंड वेलफेयर ऑफ नन-रेजिडेंट्स तमिल्स के निदेशक जसिंथा लजारस से भी सम्पर्क किया जा सकता है. राज्य सरकार ने यह घोषणा स्टालिन के उस आह्वान के एक दिन बाद की है, जिसके तहत उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को तमिलनाडु के विद्यार्थियों और प्रवासियों को यूक्रेन से सुरक्षित वापस लाने के लिए विशेष वंदे भारत मिशन उड़ानें शुरू करने का अनुरोध किया था.
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