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France Elections Results 2022: फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में इमैनुएल मैक्रों ने 58.2 प्रतिशत वोटों के साथ जीत हासिल कर ली है, लेकिन इस चुनाव में उनकी प्रतिद्वंद्वी दक्षिणपंथी मरीन ली पेन ने उन्हें कड़ी टक्कर दी है. ली पेन को 41.8 फीसदी वोट हासिल हुए हैं. यह दूसरी बार है, जब मैक्रों ने राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता है. वह लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बने रहेंगे. वह पिछले 20 साल में लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल करने वाले पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति बन गए हैं. बता दें कि पांच साल पहले भी मैक्रों ने ली पेन को करारी मात देकर 39 वर्ष की उम्र में फ्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति बनने का इतिहास रचा था.
दक्षिणपंथी नेता मरीन ली पेन ने अपनी हार के बाद कहा है कि चुनाव में उनका अभूतपूर्व प्रदर्शन ”अपने आप में एक शानदार जीत” को दर्शाता है.
-एफिल टॉवर में विजय भाषण के दौरान, मैक्रों ने अपने दूर-दराज़ प्रतिद्वंद्वी का समर्थन करने वाले मतदाताओं के गुस्से का जवाब देने की कसम खाई, यह कहते हुए कि उनका नया कार्यकाल पिछले पांच वर्षों से अपरिवर्तित नहीं होगा.
-20 अप्रैल को मैक्रों और ली पेन के बीच लाइव डिबेट हुई थी, जिसमें मैक्रों आगे दिखाई दिए. इस चुनाव में महंगाई, रूस का यूक्रेन पर हमला और इस्लाम बड़ा मुद्दा बनकर उभरे हैं.
-ली पेन फ्रांस से खरीदो पॉलिसी के साथ, रिटायरमेंट की उम्र 60 साल करने और 30 साल से कम उम्र के युवाओं पर इनकम टैक्स माफ और तेल-गैस पर वैट को 20 से 5.5 फीसदी लाने जैसे बड़े वादे किए थे. मध्य औऱ निम्न आय वाले परिवारों पर कोई विरासत टैक्स नहीं. 1 लाख यूरो के डोनेशन पर टैक्स नहीं ये भी कहा था.
-मैक्रों के पेंशन की उम्र को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने जैसे वादों से लुभा रहे हैं. लेकिन तेल-गैस की बढ़ती महंगाई से वो मुश्किलों में हैं. बेरोजगारों को सामाजिक सुरक्षा लाभ का वादा भी उन्होंने किया है.
-ली पेन ने कहा था कि कट्टरपंथी इस्लामिक सोच वाले लोगों की फ्रांसीसी नागरिकता छीनी जाएगी. फ्रेंच संवैधानिक मूल्यों को न मानने वाली मस्जिदें व अन्य इस्लामिक संस्थान बंद होंगे. हिजाब और अन्य धार्मिक पोशाकों पर बैन लगा दिया जाएगा.
-मैक्रों ने कट्टरपंथ से लड़ने का आह्वान किया था, लेकिन देश के संविधान के दायरे में सभी धर्मों का आजादी का समर्थन भी किया था.
-ली पेन ने सत्ता में आने पर ब्रिटेन की तरह यूरोपीय संघ से अलग होने (Frexit) और एकल मुद्रा यूरो को छोड़ने का खुला ऐलान किया था. साथ ही यूरोप के बजट में फ्रांस का योगदान कम करने की बात कही थी. यूरोपीय कानूनों पर फ्रांसीसी कानूनों को प्राथमिकता देने की बात कही थी.
-मैक्रों ने यूरोप की एकजुटता के प्रबल समर्थक, रक्षा, तकनीक, कृषि, ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में ईयू की दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने का लक्ष्य रखा था और साथ ही कहा था कि इससे अमेरिकी टेक कंपनियों पर कठोर नियंत्रण के समर्थक. बेरोजगारी कम करने का फायदा मिल सकता है.
-ली पेन ने कहा था कि वो फ्रांस को ट्रांसअटलांटिक सैन्य गठबंधन नाटो से बाहर निकालना चाहती हैं. विरोधी उन्हें रूस समर्थक बताते हैं. उन्होंने रूसी हमले का विरोध किया, लेकिन रूस से फिर दोस्ती की उम्मीद जताई.
-मैक्रों ने कहा था कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से नाटो की अहमियत फिर जिंदा हो गई है. लेकिन वो यूरोपीय संघ के अमेरिकी सैन्य शक्ति पर निर्भरता कम करना चाहते हैं.
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