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World News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने मंगलवार को कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेद सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ टेलीविजन पर परिचर्चा (TV Debate) करना चाहेंगे. इमरान ने मॉस्को की अपनी पहली यात्रा की पूर्व संध्या पर रूस के सरकारी टेलीविजन नेटवर्क ‘आरटी’ से इंटरव्यू के दौरान यह टिप्पणी की. पिछले दो दशक में पहली बार कोई पाकिस्तानी प्रधानमंत्री रूस की यात्रा पर है. अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान खान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से वार्ता करेंगे और प्रमुख क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मामलों पर चर्चा करेंगे. इमरान खान (Imran Khan) ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मैं नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ टीवी पर परिचर्चा करना चाहूंगा.’
उन्होंने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों को परिचर्चा के जरिए सुलझाया जा सकता है, तो यह उपमहाद्वीप के लोगों के लिए बहुत अच्छी बात होगी. इमरान ने एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि जब उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ 2018 में सत्ता में आई थी, तो उन्होंने भारत से तत्काल संपर्क किया था और भारतीय नेतृत्व से वार्ता के जरिए कश्मीर मामला सुलझाने को कहा था.
इमरान ने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि हमारे बीच एकमात्र समस्या कश्मीर है. आइए, बैठकर इसे सुलझाते हैं.’ उन्होंने कहा कि वह ‘भारत को कई लोगों से बेहतर जानते हैं.’ उन्होंने पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेलने के कारण भारत में अपने संपर्कों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भारत ने उनकी पहल का कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया.
आतंकवादी संगठनों द्वारा भारत में 2016 में पठानकोट वायुसेना अड्डे पर किए गए हमले के बाद दोनों पड़ोसी देशों के संबंध और खराब हो गए थे. उरी में भारतीय थल सेना के शिविर पर हुए हमले समेत इसके बाद किए गए कई हमलों ने संबंध और बिगाड़ दिए. इसके बाद, भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के भीतर घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर लड़ाकू विमानों से हमला किया. भारत ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की, जिसके बाद संबंध पहले से भी और खराब हो गए.
भारत पाकिस्तान से बार-बार कहता रहा है कि जम्मू-कश्मीर देश का अहम हिस्सा ‘था, है और रहेगा.’ भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा मुक्त माहौल में उसके साथ पड़ोसियों वाले सामान्य संबंध बनाना चाहता है. खान ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष का ‘शांतिपूर्ण समाधान’ निकलने की उम्मीद जताई और कहा कि सैन्य संघर्षों से समस्याओं का समाधान कभी नहीं निकल सकता. खान ने कहा, ‘मैं सैन्य संघर्षों में भरोसा नहीं करता. मेरा मानना है कि सभ्य समाजों को वार्ता के जरिए मतभेद सुलझाने चाहिए और जो देश सैन्य संघर्षों पर भरोसा करते हैं, उन्होंने इतिहास को अच्छे से नहीं पढ़ा है.’
(इनपुट: भाषा)
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