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भारत ने UNSC से कहा- काबुल हमलों ने आतंकियों को पनाहगाह देने वालों के खिलाफ विश्व के एकजुट होने की जरूरत बढ़ा दी

अफगानिस्‍तान के काबुल एयरपोर्ट के बाहर भीड़ पर आत्‍मघाती हमले में कम से कम 95 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए और 150 से अधिक लोग घायल हो गए हैं

Published: August 27, 2021 2:27 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने बृहस्पतिवार को कहा, ''मैं काबुल में आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. हम इस आतंकवादी हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं.'

संयुक्त राष्ट्र: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से कहा है कि ये हमले आतंकवाद और आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया कराने वालों के खिलाफ विश्व के एकजुट होकर खड़े होने की आवश्यकता को प्रबल करते हैं.

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दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने काबुल के हवाईअड्डे पर अफगानों की भीड़ पर बृहस्पतिवार को हमला किया, जिसमें कम से कम 95 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए और 150 से अधिक लोग घायल हो गए हैं.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने बृहस्पतिवार को कहा, ”मैं काबुल में आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. हम इस आतंकवादी हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं.’

इथियोपिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की ब्रीफिंग में तिरुमूर्ति ने कहा कि काबुल में हुए हमले ‘आतंकवाद और आतंकवादियों को शरण देने वाले सभी लोगों के खिलाफ एकजुट होने की विश्व की आवश्यकता को मजबूत करते हैं.’

अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध ‘इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) ने काबुल हवाईअड्डे के बाहर हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने काबुल में हुए हमलों में मारे गए लोगों की जान का बदला लेने का संकल्प लिया है. बाइडन ने बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, ”इस हमले को अंजाम देने वाले और अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखने वाले ध्यान रखें कि हम तुम्हें बख्शेंगे नहीं. हम यह भूलेंगे नहीं. हम तुम्हें पकड़कर इसकी सजा देंगे. मैं अपने देश के हितों और लोगों की रक्षा करूंगा.”

एक भावुक भाषण में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्लामिक स्टेट समूह के अफगानिस्तान में संबद्ध संगठन को दोषी ठहराया, जो तालिबान आतंकवादियों की तुलना में कहीं अधिक कट्टरपंथी है. अफगान और अमेरिकी अधिकारियों ने बताया था अगस्त 2011 के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के लिए सबसे घातक दिन में कम से कम 95 अफगानों की मौत हुई है और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई है.

बाइडन ने कहा, ”हम अमेरिकियों को सुरक्षित निकालेंगे, हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे और हमारा अभियान जारी रहेगा.” लेकिन मंगलवार की समय-सीमा बढ़ाने के अत्यधिक दबाव के बावजूद उन्होंने अपनी योजना पर कायम रहने के पीछे आतंकवादी हमलों को कारण बताया.

अमेरिकी आक्रमण में बेदखल होने के दो दशक बाद अफगानिस्तान को फिर से नियंत्रण में लेने वाले तालिबान ने समय सीमा कायम रखने पर जोर दिया. फरवरी 2020 में ट्रंप प्रशासन ने तालिबान के साथ एक समझौता किया जिसमें मई तक सभी अमेरिकी सैनिकों और संविदाकारों को हटाने के बदले में अमेरिकियों पर हमलों को रोकने के लिए कहा गया था. बाइडन ने अप्रैल में घोषणा की कि वह उन्हें सितंबर तक हटा लेंगे.

अमेरिका ने जहां बृहस्पतिवार को कहा कि काबुल से 1,00,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है, वहीं 1,000 अमेरिकी और दसियों हज़ार से अधिक अफगान इतिहास के सबसे बड़े एयरलिफ्ट में से एक में खुद को बाहर निकाले जाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. निकासी अभियान की निगरानी कर रही अमेरिकी केंद्रीय कमान के प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेन्जी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि करीब 5,000 लोग हवाई अड्डे पर विमानों का इंतजार कर रहे हैं.

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Published Date: August 27, 2021 2:27 PM IST