
रूस सीमा पर तनाव बरकरार, अमेरिकी राष्ट्रपति ने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को कहा कि रूस के सैन्य खतरे के बीच आवश्यक राजनयिकों को छोड़कर अन्य अमेरिकियों के लिए यूक्रेन छोड़ देना समझदारी होगी. बाइडन ने व्हाइट हाउस में जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की. इससे पहले दोनों नेताओं ने यूक्रेन संबंधी संकट को लेकर वार्ता की थी.

मॉस्को/वॉशिंगटन : रूस और अमेरिका (Russia-US Relations) के बीच तनातनी कोई नई बात नहीं है. दोनों देशों के बीच शीत युद्ध (Cold War) पूर्व में सोवियत संघ (USSR) से समय से ही है. अमेरिका अपने सहयोगी नाटो देशों के जरिए रूस पर लगातार दबाव बनाता रहै है. इधर यूक्रेन (Ukraine) विवाद की बाद करें तो रूस ने सीमा पर करीब 1 लाख सैनिकों का जमावड़ा किया हुआ है. रूस चाहता है कि अमेरिका और नाटो देश क्षेत्र से अपनी सेनाएं हटाएं और पूर्व में सोवियत संघ का हिस्सा रहे देशों को नाटो (Nato) में शामिल न किया जाए. तनाव बढ़ते देख अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी है.
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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को कहा कि रूस के सैन्य खतरे के बीच आवश्यक राजनयिकों को छोड़कर अन्य अमेरिकियों के लिए यूक्रेन छोड़ देना समझदारी होगी. बाइडन ने व्हाइट हाउस में जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की. इससे पहले दोनों नेताओं ने यूक्रेन संबंधी संकट को लेकर वार्ता की थी.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में कार्यरत अपने गैर जरूरी कर्मियों को वहां से लौटने के लिए अनुमति दे दी है और राजनयिकों के परिवार के सभी सदस्यों से भी वहां से लौट आने की अपील की है. बाइडन ने सोमवार को कहा कि यदि रूस ‘टैंक और बलों’ के साथ यूक्रेन के खिलाफ कार्रवाई करता है तो रूस से जर्मनी के बीच अहम प्राकृतिक गैस पाइपलाइन ‘नोर्ड स्ट्रीम 2’ कायम नहीं रहेगी.
यूक्रेन संबंधी गतिरोध को दूर करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के तहत फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों वार्ता के लिए रूस में हैं और नीतियों में समन्वय के लिए जर्मनी के चांसलर शोल्ज वाशिंगटन में हैं. यूक्रेन के पास लगभग एक लाख रूसी बलों की तैनाती ने पश्चिमी देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, जो इसे संभावित आक्रमण की शुरुआत के तौर पर देख रहे हैं.
हालांकि, रूस ने अपने पड़ोसी देश पर हमले की किसी भी योजना से इनकार किया है, लेकिन वह अमेरिका और उसके सहयोगियों पर यूक्रेन या किसी अन्य पूर्व-सोवियत देश को नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) में शामिल होने से रोकने का दबाव बना रहा है. रूस ने क्षेत्र में हथियारों की तैनाती रोकने और पूर्वी यूरोप से नाटो बलों को वापस बुलाने की भी मांग की है. अमेरिका और नाटो ने रूस की मांगों को खारिज कर दिया है.
(इनपुट – एपी)
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