
पाकिस्तान ने अब लाहौर में बढ़ते प्रदूषण के लिए भी भारत को जिम्मेदार ठहराया
एक जांच रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में प्रदूषण फैलने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया गया है. पाकिस्तान के प्रमुख शहर लाहौर में भयानक वायु प्रदूषण के लिए भारत को जिम्मेदार बताया गया है. समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बहाउद्दीन जकारिया यूनिवर्सिटी और एनयूएसटी यूनिवर्सिटी की संयुक्त जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत से आने वाली प्रदूषित हवा ने लाहौर में जहरीला स्मॉग बनाया है.

नई दिल्ली : खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे कहावत हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) पर बिल्कुल सटीक बैठती है. पाकिस्तान अपनी हर समस्या के लिए भारत को जिम्मेदार मानता आया है. स्वयं आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह देने के बाद पाकिस्तान स्वयं को आतंकवादी का पीड़ित बताते हुए भारत को वहां आतंकवादी भेजने के लिए जिम्मेदार बताता रहा है. इन सब बातों को लेकर बार-बार पाकिस्तान की जगहंसाई भी होती रही है. पाकिस्तान एक विफल देश है. अब तो पाकिस्तान अपने यहां प्रदूषण (Pollution in Pakistan) के लिए भी भारत को जिम्मेदार ठहराने लगा है. बता दें कि किसी बड़बोले नेता ने भारत को पाकिस्तान में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है, बल्की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
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एक जांच रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में प्रदूषण फैलने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया गया है. पाकिस्तान के प्रमुख शहर लाहौर (Pollution in Lahore) में भयानक वायु प्रदूषण के लिए भारत को जिम्मेदार बताया गया है. समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बहाउद्दीन जकारिया यूनिवर्सिटी और एनयूएसटी यूनिवर्सिटी की संयुक्त जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत से आने वाली प्रदूषित हवा ने लाहौर में जहरीला स्मॉग बनाया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में शहर की हवा एक दिन के लिए भी साफ नहीं रही, इसलिए अस्थमा और हृदय रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने भारत के साथ इस मामले को उठाया है, लेकिन उसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली और सीमा पार से बिना किसी हस्तक्षेप के समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा सकता है. रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि सार्क सम्मेलन ही एशिया में वायु प्रदूषण पर काम कर सकता है.
सर्दियों में लाहौर चार साल से सबसे खराब वायु प्रदूषण से जूझ रहा है. 2021 में, शहर विश्व स्तर पर सबसे प्रदूषित शहर के रूप में नंबर-1 पर था और इसका एक्यूआई 700 को पार कर गया, जो सबसे खतरनाक श्रेणी मानी जाती है. पिछली बार लाहौर में स्मॉग का स्तर 2016-2017 की सर्दियों में आसमान छू रहा था. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हवा में खतरनाक कण, जिसे पीएम 2.5 कहा जाता है, 1077 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया, जो कि सुरक्षित सीमा से 30 गुना अधिक है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण संकट के बिंदु पर पहुंच गया है. स्मॉग वातावरण में प्रदूषकों और जलवाष्प के मिश्रण से बनता है. यह अस्थमा, फ्लू, खांसी, एलर्जी, ब्रोन्कियल संक्रमण और हृदय की समस्या जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है.
(इनपुट – आईएएनएस)
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