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इस्लामाबाद: 13 साल की ईसाई लड़की को किडनैप (Kidnapp) करने और जबरन धर्मपरिवर्तन कराकर शादी करने के पांच महीने बाद छोड़ दिया गया. पाकिस्तान (Pakistan) में ये मामला सामने आने के बाद बवाल मचा है. पुलिस द्वारा लापरवाही बरते जाने और जांच ठीक से नहीं करने के बाद इस मामले की अब उच्च स्तरीय जांच हो रही है. यहां की एक संसदीय समिति ने फैसलाबाद में एक नाबालिग ईसाई लड़की के अपहरण की नए सिरे से जांच के आदेश दिए है. समिति इस बात से सहमत हो गई है कि पुलिस ने मामले को सही तरह से नहीं संभाला.
द डॉन के रिपोर्ट के अनुसार, कई लोगों ने कथित तौर पर एक 13 साल की नबालिग ईसाई लड़की का अपहरण कर लिया और जबरन धर्म परिवर्तन करने के बाद उनमें से एक ने इस लड़की से शादी कर ली. बाद में पांच महीने बाद उस लड़की को मुक्त कर दिया.
सीनेट फंक्शनल कमेटी ऑन ह्यूमन राइट्स की एक बैठक सीनेटर मुस्तफा नवाज खोखर की अध्यक्षता में हुई. फैसलाबाद के पुलिस अधिकारियों ने समिति को बताया कि उन्हें लड़की के परिवार से शिकायत मिली थी कि खेसर हयात ने लड़की का कथित तौर पर अपहरण कर लिया है, लेकिन लड़की द्वारा दिया दर्ज बयान कुछ और ही कहता है.
पुलिस ने कहा कि लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज अपने बयान में कहा कि उसने स्वेच्छा से अपना घर छोड़ दिया और इस्लाम धर्म अपना लिया और शादी कर ली. पुलिस अधिकारियों ने समिति को बताया कि लड़की का मेडिकल परीक्षण भी हुआ था और डॉक्टर की रिपोर्ट के अनुसार उसकी उम्र 16 से 17 वर्ष के बीच है.
लड़की के पिता ने समिति में पुलिस के व्यवहार के बारे में भी शिकायत दर्ज की, जिस पर समिति ने खेद व्यक्त किया है. समिति के अध्यक्ष ने नाबालिग लड़की के परिवार से माफी मांगी और परिवार को उचित सुरक्षा देने की मांग की.
सीनेटर खोखर ने कहा, “जांच अधिकारी ने पाकिस्तान की छवि को धूमिल किया है.” समिति ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) फैसलाबाद को पूरे मामले की जांच करने और 6 जनवरी को समिति को एक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
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