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Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान की सियासत में उठा-पटक का दौर जारी है. इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली बहस से पहले दिन भर कयासों का दौर जारी रहा कि इमरान पाकिस्तान की आवाम को संबोधित करेंगे. इस बात के भी कयास थे कि संबोधन के दौरान वह इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं. हालांकि पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) और खुफिया एजेंसी ISI डीजी से मुलाकात के बाद इमरान ने देश के नाम अपना संबोधन टाल दिया.
जनरल बाजवा और ISI डीजी अचानक ही देर शाम इमरान खान के घर पहुंचे थे. इससे पहले पाकिस्तान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट कर कहा था कि इमरान खान इस्तीफा नहीं देंगे और आखिरी बॉल तक खेलेंगे. फवाद चौधरी ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री इमरान खान आखिरी गेंद तक लड़ने वाले खिलाड़ी हैं. वह इस्तीफा नहीं देंगे.’ बता दें, अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को मतदान होगा.
"Imran Khan is a player who fights till the last ball. There will not be a resignation. There will be a match, both friends and foes will watch it," tweets Pakistan Minister Fawad Chaudhry
(File photo) pic.twitter.com/vay7J9IGnj
— ANI (@ANI) March 30, 2022
इससे पहले इमरान खान की पार्टी पीटीआई (PTI) को तब और एक बड़ा झटका तब लगा जब उसके प्रमुख सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (MQM-P) ने सत्तारूढ़ गठबंधन का साथ छोड़ दिया और विपक्ष से हाथ मिला लिया. एमक्यूएम-पी प्रमुख खालिद मकबूल सिद्दिकी ने कहा, ‘हम सहिष्णुता और सच्चे लोकतंत्र की राजनीति के लिए नई शुरुआत करना चाहते हैं.’ सात सांसदों वाले दल एमक्यूएम-पी के साथ छोड़ने से इमरान सरकार ने सदन में स्प्ष्ट रूप से बहुमत खो दिया है. सरकार के एक अन्य सहयोगी और पांच सांसद रखने वाले दल बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) ने सोमवार को ही ऐलान कर दिया था कि उसने इमरान सरकार के खिलाफ मतदान करने के विपक्ष के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है.
इमरान खान को सरकार बचाने के लिए 342 सदस्यीय संसद (नेशनल असेंबली) में 172 मत की जरूरत पड़ेगी. जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक एमक्यूएम-पी ने विपक्ष का सहयोग करने का फैसला किया है और इसके दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि एमक्यूएम-पी के सांसद फारोग नसीम और अमीनउल हक ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. एमक्यूएम-पी के नेता फैजल सब्जवाडी ने बुधवार को कहा कि संयुक्त विपक्ष के साथ उसका समझौता हो चुका है.
69 वर्षीय इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सदन में 155 सांसद हैं. इमरान को करीब दो दर्जन सांसदों की बगावत और सहयोगी दलों की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान के इतिहास में अब तक किसी भी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये नहीं हटाया गया है, लेकिन इस चुनौती का सामना करने वाले इमरान खान तीसरे प्रधानमंत्री हैं.
इससे पहले इमरान खान ने अपनी पार्टी के सदस्यों को सख्त निर्देश दिया कि वह अवश्विास प्रस्ताव पर मतदान के दिन या तो सदन में अनुपस्थित रहें या फिर मतदान में भाग नहीं लें. वर्ष 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने का वादा करके इमरान सत्ता में आये, लेकिन बेलगाम महंगाई पर नियंत्रण पाने में सरकार की विफलता ने विपक्ष को सरकार के खिलाफ एक मौका दे दिया. पाकिस्तान में अब तक कोई प्रधानमंत्री पांच साल का कार्यकाल नहीं पूरा कर सका है.
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