
76 साल बाद पहुंची दूसरे विश्व युद्ध में भेजी गई चिट्ठी, लिखा - मैं ठीक हूं, यहां खाना बहुत खराब मिलता है
डाक विभाग के जरिए भेजी जाने वाली चिट्ठियों के देर से पहुंचने की बातें भारत में आम हैं. देरी भी कितनी क्या कोई इस बात पर भरोसा कर सकता है कि दूसरे विश्व युद्ध के समय भेजी गई चिट्ठी 76 साल बाद अपने गंतव्य तक पहुंची है. द्वितीय विश्व युद्ध खत्म होने के बाद जर्मनी में तैनात एक अमेरिकी सैनिक ने मैसाचुसेट्स में अपनी मां को चिट्ठी भेजी थी, जो 76 साल आर्मी सार्जेंट की पत्नी को सौंपी गई है.

वोबर्न : डाक विभाग (Postal Department) के जरिए भेजी जाने वाली चिट्ठियों के देर से पहुंचने की बातें भारत में आम हैं. यही कारण है कि धीरे-धीरे कुरियर सेवाओं ने उसकी जगह ले ली है. देरी भी कितनी क्या कोई इस बात पर भरोसा कर सकता है कि दूसरे विश्व युद्ध (Second World War) के समय भेजी गई चिट्ठी 76 साल बाद अपने गंतव्य तक पहुंची है. जी हां, ये सच्चाई है. द्वितीय विश्व युद्ध खत्म होने के बाद जर्मनी में तैनात एक अमेरिकी सैनिक ने मैसाचुसेट्स में अपनी मां को चिट्ठी भेजी थी, जो 76 साल आर्मी सार्जेंट की पत्नी को सौंपी गई है.
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‘डब्ल्यूएफएक्सटी-टीवी’ ने बुधवार को अपनी एक खबर में बताया कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दिसंबर 1945 में आधिकारिक तौर पर खत्म होने के बाद, उस समय 22 साल के आर्मी सार्जेंट जॉन गोंजाल्विस ने वोबर्न में रह रही अपनी मां को एक पत्र लिखा था.
पिट्सबर्ग में अमेरिकी डाक सेवा वितरण सुविधा (यूएसपीएस) को मिली यह चिट्ठी 75 वर्ष से ज्यादा समय से बंद ही थी. पत्र में लिखा था, ‘प्रिय मां, आज आपका एक और पत्र मिला और मैं खुश हूं कि सब ठीक है. जहां तक मेरी बात है, मैं भी ठीक हूं… लेकिन खाना ज्यादातर बहुत खराब मिलता है।.’
उन्होंने पत्र के आखिर में अपने हस्ताक्षर किए और लिखा, ‘आपसे प्यार है…. आपका बेटा जॉनी. उम्मीद है, आपसे जल्द ही मिलूंगा.’
Soldier’s second world war letter to his mother delivered after 76 years https://t.co/kq9k1055c2
— Guardian news (@guardiannews) January 7, 2022
आर्मी सार्जेंट जॉन गोंजाल्विस का 2015 में निधन हो गया था और उनकी मां का भी देहांत हो चुका है. यूएसपीएस ने हालांकि, गोंजाल्विस की पत्नी एंजलिना का पता लगाया और उन्हें वह पत्र सौंपा. पत्र लिखने के करीब पांच साल बाद गोंजाल्विस की मुलाकात अपनी पत्नी से हुई थी.
यूएसपीएस ने इस पत्र के साथ अपनी ही ओर से भी एक पत्र गोंजाल्विस के परिवार को भेजा, जिसमें लिखा था, ‘यह पत्र भेजना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है.’ गोंजाल्विस के परिवार ने पत्र मिलने के बाद, यूएसपीएस को फोन किया और उनका शुक्रिया अदा किया.
एंजेलिना ने ‘डब्ल्यूएफएक्सटी-टीवी’ से कहा, ‘उन 70 वर्षों की कल्पना कीजिए. मुझे विश्वास नहीं हो रहा. उनकी लिखावट और सबकुछ बेहद कमाल का है.’ एंजेलिना गोंजाल्विस (89) ने कहा कि पति के निधन के बाद उनका पत्र मिलने से लगता है, ‘जैसे वह लौट आए हों… .’
(इनपुट – एपी)
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