
तालिबान की पाकिस्तान को दो टूक, हिंसा के लिए अफगानिस्तान को दोषी न ठहराएं, अपने अंदर झांकें
सोमवार 30 जनवरी को खैबर पख्तूनख्वा की एक मस्जिद में हुए धमाके में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. इस आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान का कहना था कि इसकी साजिश अफगानिस्तान की धरती पर रची गई, इस पर तालिबान ने पाकिस्तान को दो टूक जवाब दिया है.

इस्लामाबाद/काबुल : अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा नियुक्त विदेश मंत्री ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान के अधिकारियों को इस बात की जांच करनी चाहिए कि उनके देश में आतंकवादी हिंसा के कारण क्या हैं, न कि इसके लिए अफगानिस्तान को जिम्मेदार ठहराना चाहिए.
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गौरतलब है कि खैबर पख्तूनख्वा में सोमवार को हुए आत्मघाती बम हमले में 101 लोगों की मौत के बाद पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा था कि हमलावरों ने अफगानिस्तान की धरती पर हमले की साजिश रची थी. राजधानी काबुल में नशा मुक्ति केंद्र के उद्घाटन के दौरान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार को सोमवार को पेशावर की मस्जिद में हुए विस्फोट की गंभीर जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान आतंकवाद का केंद्र नहीं है और अगर वह दहशतगर्दी का केंद्र होता तो हमले चीन, तजाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान तथा अन्य देशों में भी होते.
दरअसल पेशावर में सोमवार को एक मस्जिद में नमाज के दौरान हुए आत्मघाती हमले में 101 लोगों की मौत हो गई थी. मंगलवार को मलबे से और शवों को निकाला गया. जांच की जा रही है कि आत्मघाती हमलावर कैसे पेशावर शहर के सबसे सुरक्षित इलाके में दाखिल हुआ. सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, हमलावर दोपहर की नमाज के समय अग्रिम पंक्ति में था, जब उसने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया.
विस्फोट से मस्जिद की छत गिर पड़ी, जिससे नमाज पढ़ने वाले मलबे के नीचे दब गए. अधिकारियों ने बताया कि आत्मघाती हमलावर आगे की कतार में मौजूद था और उसने खुद को उड़ा लिया, जिससे मस्जिद की छत नामजियों पर गिर गई. मृतकों में कम से कम एक पुलिस उपाधीक्षक, पांच उप-निरीक्षक और मस्जिद के इमाम मौलाना साहिबजादा नूरुल अमीन शामिल थे.
पाकिस्तानी तालिबान के नाम से कुख्यात तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली और कहा कि यह पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में मारे गए टीटीपी कमांडर उमर खालिद खुरासानी के बदले में किए गए हमले का हिस्सा था. पेशावर पुलिस नियंत्रण कक्ष के अनुसार, 200 से अधिक घायलों को लेडी रीडिंग अस्पताल ले जाया गया. पेशावर के कैपिटल सिटी पुलिस ऑफिसर (सीसीपीओ) एजाज खान ने ‘जियो टीवी’ को बताया कि विस्फोट स्थल से संदिग्ध आत्मघाती हमलावर का सिर बरामद किया गया है. संदिग्ध हमलावर की पहचान मोहमंद एजेंसी के सलीम खान के 37 वर्षीय पुत्र मोहम्मद अयाज के रूप में हुई.
खान ने कहा ‘यह संभव है कि हमलावर विस्फोट से पहले ही पुलिस लाइन में मौजूद था और हो सकता है कि उसने (प्रवेश करने के लिए) एक आधिकारिक वाहन का इस्तेमाल किया हो.’ उन्होंने कहा आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) मामले की जांच कर रहा है. खान ने बताया, ‘मस्जिद में आमतौर पर 300 से 400 पुलिसकर्मी दोपहर की नमाज पढ़ते हैं. अगर धमाका पुलिस लाइन के भीतर हुआ है तो यह सुरक्षा में चूक है और जांच से इसका विस्तृत खुलासा हो सकता है.’
हमलावर पुलिस लाइन के अंदर अत्यधिक सुरक्षित मस्जिद में घुस गया, जहां सुरक्षा के चार स्तर थे. प्रांतीय पुलिस प्रमुख मोअज्जम जाह अंसारी ने कहा कि वे विस्फोट की जांच कर रहे हैं और इस बात की भी तहकीकात कर रहे हैं कि हमलावर पुलिस लाइन इलाके में बेहद सुरक्षा वाली मस्जिद में कैसे घुसा. उन्होंने आशंका जताई कि आत्मघाती हमलावर धमाके से पहले पुलिस लाइन में ही मौजूद हो सकता है, क्योंकि भीतर परिवार के लिए सरकारी आवास बने हुए हैं. अंसारी ने स्वीकार किया है कि यह सुरक्षा में भारी चूक है और धमाके की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं.
उन्होंने बताया कि विस्फोट में 10-12 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया और इसे निर्माण सामग्री के तौर पर पुलिस लाइन लाया गया क्योंकि यहां निर्माण कार्य चल रहा है. धमाका स्थल के नजदीक ही पेशावर पुलिस, आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी), फ्रंटियर रिजर्व पुलिस, एलिट फोर्स और दूर संचार विभाग का मुख्यालय है. विस्फोट की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भेज दी गई है. सुरक्षा खामियों पर गौर करने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया.
टीटीपी पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्षविराम से पीछे हट गया है और उसने अपने आतंकवादियों को देशभर में आतंकवादी हमला करने का हुक्म जारी किया है. उस पर 2009 में सेना मुख्यालय, सैन्य अड्डों पर हमले, 2008 में मैरियट होटल में बम विस्फोट समेत कई घातक हमलों में शामिल होने का आरोप है. इसे अल कायदा का करीबी बताया जाता है.
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