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Turkey-Syria Earthquake: शक्तिशाली भूकंप से तुर्की-सीरिया में भयंकर तबाही, मौत का आंकड़ा 4000 के पार, 15000 से ज्यादा घायल

Turkey-Syria Earthquake: तुर्की और सीरिया में आए शक्तिशाली भूकंप से हजारों की तादाद में इमारतें नष्ट हुई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हताहतों की संख्या अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि में इमारतों में बचाव अभियान अभी भी जारी है.

Updated: February 7, 2023 7:47 AM IST

By India.com Hindi News Desk

turkey Earthquake

Turkey-Syria Earthquake: तुर्की और पड़ोसी देश सीरिया में सोमवार को आए 7.8 के तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से मृतकों की संख्या 4000 के पार जा चुकी है जबकि 15000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. एसोसिएटेड प्रेस ने ये जानकारी दी है. अनुमान है कि हताहतों की संख्या में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं. वहीं भूकंप से हजारों इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है. मीडिया स्टेज एजेंसी के मुताबिक सिर्फ तुर्की में भूकंप से 2379 लोगों की मौत हुई है जबकि 14483 लोग घायल हुए हैं.

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दोनों देशों में भूकंप के झटके सूरज निकलने से पहले महसूस हुए और लोगों को सर्दी तथा बारिश के बावजूद बाहर आना पड़ा. भूकंप से कई इमारतें पूरी तरह ध्वस्त हो गई हैं और भूकंप के बाद भी महसूस किए गए. इधर अलग-अलग शहरों में बचावकर्मी और निवासी ध्वस्त हुई इमारतों से जिंदा लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं. भूकंप में ध्वस्त हुए तुर्की के एक अस्पताल और सीरिया के गिने-चुने अस्पतालों से नवजातों सहित मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है.

तुर्की के शहर अदाना के एक निवासी ने बताया कि उसके आसपास की तीन इमारतें ध्वस्त हो गई हैं. पत्रकारिता के छात्र मुहम्मद फतीह यवुज ने बताया कि मलबे में जिंदा फंसे एक व्यक्ति ने बचावकर्मियों द्वारा निकाले जाने की कोशिश के दौरान कहा, ‘अब मुझमें कोई ताकत नहीं बची है.’ तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा, ‘भूकंप वाले क्षेत्र में कई इमारतों का मलबा को हटाने का काम जारी है, हम नहीं जानते कि मृतकों और घायलों की संख्या कितनी बढ़ेगी.’

उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि हम इस विपदा वाले दिन को हमारी एकता और देश के प्रति एकजुटता पीछे छोड़ देगी.’ वहीं तुर्की के उपराष्ट्रपति फौत ओकते ने कहा कि ऐसी आपदा ‘सौ साल में एक बार आती है.’ भूकंप का केंद्र तुर्की का दक्षिण पूर्वी प्रांत कहरमनमारस था और झटके दूर काहिरा तक महसूस किए गए. दमिश्क में भी लोगों को भूकंप की वजह से सड़कों पर आना पड़ा और बेरूत में जब झटके महसूस हुए, तब लोग सो रहे थे.

भूकंप सीरिया के उस क्षेत्र में आया, जहां एक दशक से अधिक समय से गृह युद्ध जारी है और प्रभावित इलाका सरकार और विद्रोहियों में बंटा हुआ तथा उनके चारों ओर रूस समर्थित सरकारी सेनाएं तैनात हैं. वहीं, तुर्की वाले इलाके में संघर्ष की वजह से लाखों शरणार्थी बसे हुए हैं. विरोधियों के कब्जे वाले सीरियाई इलाके में लड़ाई की वजह से विस्थापित 40 लाख लोग रह रहे हैं. इनमें से कई उन इमारतों में रह रहे थे, जो पहले से ही बमबारी की वजह से क्षतिग्रस्त थे.

व्हाइट हेलमेट नामक विपक्षी आपात संगठन ने एक बयान में कहा कि सैकड़ों परिवार मलबे में दबे हैं. बचावकर्मियों ने बताया कि पहले ही संसाधनों की किल्लत से जूझ रहे चिकित्सा केंद्र और अस्पताल जल्द घायलों से भर गए. एसएमएस चिकित्सा संगठन के मुताबिक सैन्य अस्पताल सहित कई अस्पतालों को खाली कराया गया है. यह इलाका प्रमुख भूकंप संभावित क्षेत्र में पड़ता है और वर्ष 1999 में उत्तर पश्चिमी तुर्की में आए इसी तरह के शक्तिशाली भूकंप में करीब 18 हजार लोगों की मौत हुई थी.

अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था. प्रांतों में इसके झटके महसूस किए गए. सर्वेक्षण के मुताबिक, कुछ घंटे के बाद 7.5 तीव्रता का एक और भूकंप महसूस किया गया, जिसका केंद्र पूर्व के केंद्र से महज 100 किलोमीटर दूर था. तुर्की की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि यह अलग भूकंप था और झटके के बाद दर्जनों और झटके आने की आशंका है.

एजेंसी के ओरहान ततार ने संवाददाताओं को बताया कि दो झटकों के बाद सैकड़ों झटकों की आशंका है. सीरिया के अलेप्पो और हामा शहर से लेकर तुर्की के दियारबाकीर तक हजारों इमारतों के ध्वस्त होने की सूचना है. प्रशासन के अनुसार, अकेले तुर्की में भूकंप से 3700 से ज्यादा इमारतें ध्वस्त हो गई हैं. उपराष्ट्रपति ने बताया कि भूमध्य सागरीय तटीय शहर इस्कानदेरोन में एक अस्पताल ध्वस्त हो गया, लेकिन हताहतों की संख्या की तत्काल जानकारी नहीं मिली है.

तुर्की के टेलीविजन स्टेशन ने तस्वीरें प्रसारित की हैं, जिनमें उनके स्टूडियो में रखी टीवी की स्क्रीन चार या पांच टुकड़ों में बट गई. कहरमनमारस शहर में बचाव कर्मियों ने दो बच्चों को जिंदा मलबे से निकाला है और तस्वीरों में दिख रहा है कि बर्फ से ढके मैदान में उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाया गया है. अब तक तुर्की की मदद के लिए दर्जनों देशों के अलावा यूरोपीय संघ और नाटो ने पेशकश की है और तलाशी व बचाव दल से लेकर चिकित्सा और धन भेज रहे हैं.

नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में प्राकृतिक खतरे के विशेषज्ञ डॉ. स्टीवन गॉडबाई ने कहा कि प्रभावित इलाकों से जो तस्वीरें आ रही हैं, उससे प्रतीत होता है कि उल्लेखनीय जान की हानि हुई है, इलाके में सर्दी और गृह युद्ध ने बचाव कार्य में लगे कर्मियों की जटिलता बढ़ा दी है. तुर्की में लोग भूकंप प्रभावित इलाकों को छोड़कर बाहर जाना चाहते हैं जिसकी वजह से यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है और आपात टीम को घटनास्थलों पर पहुंचने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. (इनपुट्स सहित)

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Published Date: February 7, 2023 7:40 AM IST

Updated Date: February 7, 2023 7:47 AM IST