
Ukraine Russia Crisis: यूक्रेन को लेकर UNSC की इमरजेंसी बैठक, भारत ने कहा- विवाद को बातचीत से सुलझाना जरूरी
Ukraine Russia Crisis: यूक्रेन को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से किए गए ऐलान के बाद तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने सुरक्षा परिषद (United Nation Security Council) की आपात बैठक बुलाई.

Ukraine Russia Crisis: यूक्रेन को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की ओर से किए गए ऐलान के बाद तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने सुरक्षा परिषद (United Nation Security Council) की आपात बैठक बुलाई. अब इस बैठक के बाद इस मुद्दे पर एक खुली बैठक होगी, जहां भारत भी बयान जारी करेगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार अमेरिका और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की इमेरजेंसी मीटिंग बुलाने की अपील की थी. अब इस मुद्दे पर एक ओपन मीटिंग होगी, भारत ने भी रूस को लेकर बयान जारी किया.
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भारत ने जताई चिंता
यूक्रेन पर UNSC की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है. इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है. हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं. उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है. टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा जरूरी है. 20 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है.
पूर्वी यूक्रेन के डॉनेत्स्क और लुहांस्क को रूस ने दी अलग देश की मान्यता
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस्टर्न यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी इलाकों (डोनेत्स्क और लुहांस्क) की आजादी को मान्यता दे दी है.इस फैसले से यूक्रेन पर रूस के हमले की पश्चिम देशों की आशंका के बीच तनाव और बढ़ेगा. पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है और वह पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को हमला करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है.
डोनेत्स्क और लुहांस्क के बारे में
डोनेत्स्क और लुहांस्क, यूक्रेन के दो अहम राज्य हैं, जिनकी सीमाएं रूस से लगी हुई हैं. असल में यही दो राज्य भी दोनों देशों के बीच तनाव की मुख्य जड़ भी हैं. सोवियत संघ के विघटन के यह इलाके यूक्रेन के हिस्से में आ गए जबकि रूस इन पर अपना अधिपत्य मानता है. यह दोनों राज्य खनिज संपदा का विशाल स्त्रोत भी माने जाते हैं. अब रूस ने दोनों इलाकों में रूसी सेना भेजने का आदेश दे दिया है.
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