
Ukraine की सीमा पर तनाव के बीच US पूर्वी यूरोप में नाटो फोर्सेस की मदद के लिए भेज रहा 3,000 सैनिक
यूक्रेन की सीमा पर रूस से तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पूर्वी यूरोप में नाटो बलों का समर्थन करने के लिए और अधिक सैनिकों को पूर्वी यूरोप भेज रहें

ब्रसेल्स (बेल्जियम): संयुक्त राज्य अमेरिका (US) पूर्वी यूरोप (eastern Europe) में नाटो बलों (NATO forces) का समर्थन करने के लिए 3,000 सैनिकों को तैनात करेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन (US President Joe Biden) इस हफ्ते नार्थ कैरोलिना के फोर्ट ब्रैग से करीब 2,000 सैनिक पोलैंड (Poland) और जर्मनी ( Germany) भेज रहे हैं. साथ ही अमेरिका करीब 1,000 सैनिकों की ‘इंफैंट्री स्ट्राइकर’(हमलावर पैदल सेना) स्क्वाड्रन को जर्मनी से रोमानिया (Romania) भेज रहा है. बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह कहा. यूक्रेन की सीमा के नजदीक रूसी सैनिकों के जमावड़े को लेकर रूस के साथ रुकी हुई वार्ता के बीच अमेरिका ने यह कदम उठाया है.
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अमेरिका ने पूरे यूरोप में बढ़ती इस आशंका को व्यक्त किया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर आक्रमण करने को आतुर हैं और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के पूर्वी यूरोप में छोटे सदस्य देश इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अगली बारी उनकी हो सकती है.
United States to deploy 3,000 troops to support NATO forces in eastern Europe: AFP News Agency
— ANI (@ANI) February 2, 2022
बता दें कि यूक्रेन की सीमा के नजदीक रूस के एक लाख से अधिक सैनिक तैनात करने के बाद यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की आशंका बढ़ गई है. हालांकि, रूसी अधिकारियों ने जोर देते हुए कहा है कि आक्रमण करने की मास्को की कोई मंशा नहीं है. अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह बताया क्योंकि इस सैन्य कदम की घोषणा अभी नहीं की गई है.
इस बीच, बुधवार को एक स्पेनिश समाचार पत्र में प्रकाशित एक लीक दस्तावेज से यह पता चला है कि यूक्रेन की सीमा से यदि रूस पीछे हटने का फैसला करता है तो यूरोप में मिसाइल की तैनाती पर तनाव को घटाने के लिए अमेरिका उसके(रूस के) साथ एक समझौता करने को इच्छुक हो सकता है. एल पेइस समाचार पत्र ने दो दस्तावेज प्रकाशित किये हैं, जो अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) द्वारा पिछले हफ्ते यूरोप में एक नए सुरक्षा समझौते के लिए रूस के प्रस्तावों को जवाब में लिखे गए थे.
हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया है. नाटो ने दूसरे दस्तावेज के संदर्भ में कहा कि उसने कथित लीक पर कभी टिप्पणी नहीं की. वहीं, ये संदेश पिछले हफ्ते नाटो महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग द्वारा मीडिया को दिये बयान को बहुत हद तक प्रदर्शित करते हैं. उन्होंने रूस की मांगों पर 30 देशों के सैन्य संगठन का रुख बताया था.
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