
World Hindi News: 100 से ज्यादा लैंड माइन को सूंघकर बताने वाले बहादुर चूहे का निधन, हजारों लोगों की बचाई थी जान
World Hindi News: मगावा को बेल्जियम स्थित एक चैरिटी APOPO ने ट्रेन किया, जिसमें उसे इंसानों की मदद के लिए लैंड माइंस को सूंघने के गुर सिखाए गए.

World Hindi News: लैंड माइन सूंघकर हजारों लोगों की जान बचाने वाले बहादुर चूहे मगावा (Magawa) का आठ वर्ष की उम्र में निधन हो गया. मगावा को उसकी वीरता के लिए गोल्ड मेडल से नवाजा जा चुका है. बीबीसी न्यूज के मुताबिक अपने पांच साल के करियर में उसने कंबोडिया में 100 से ज्यादा लैंड माइंस का पता लगाया. उसने अन्य विस्फोटकों को सूंघकर बखूबी हजारों लोगों की जान बचाई. मगावा को बेल्जियम स्थित एक चैरिटी APOPO ने ट्रेन किया, जिसमें उसे इंसानों की मदद के लिए लैंड माइंस को सूंघने के गुर सिखाए गए.
Also Read:
शांति से दुनिया को अलविदा कह गया Magawa
चैरिटी ने बताया कि अफ्रीकी विशालकाय पाउच रेट वीकेंड में शांति से दुनिया को अलविदा कह गया. इसने बताया कि मगावा का स्वास्थ्य ठीक था और पिछले सप्ताह का अधिकतर समय उसने सामान्य उत्साह के साथ खेलने में बिताया. मगर सप्ताह के आखिर तक वो धीमा होने लगा. वो अधिक झपकी लेने लगा. इसके अवावा अपने आखिरी दोनों में वो भोजन भी कम खाने लगा था.
तंजानिया में पैदा हुए मगावा ने कंबोडिया में लैंड माइन और बम सूंघने के अपने करियर की शुरुआत से पहले एक साल की ट्रेनिंग ली. माना जाता है कि दक्षिण पूर्व के एशियाई देशों में 60 लाख तक बारुदी सुरंगे हैं. विस्फोटकों के भीतर एक केमिकल कंपाउंड का पता लगाने में प्रशिक्षित मगावा ने 1.41 लाख वर्ग मीटर से अधिक भूमि को साफ किया.
कितना था वजन
मगावा का वजन 1.2 किलोग्राम था और वह 70 सेंटीमीटर तक लंबा था. मगावा कई अन्य चूहों की प्रजाति में काफी बड़ा था. मगर फिर भी उसका वजन इतना हल्का था कि अगर वो किसी लैंड माइन पर चला जाता तो वो फटता नहीं था. रिपोर्ट के मुताबिक वो महज बीस मिनट में टेनिक कोर्ट के क्षेत्रफल के बराबर विस्फोटक खोजने में सक्षम था.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें विदेश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें